किसानों के साथ हो रहा ठुकाराघात, सरकार के आदेश तक नहीं मानते अधिकारी डीएपी-यूरिया के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग पर सख्त रोक दोषियों के खिलाफ एफसीओ, 1985 व आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत कार्रवाई होगी
राज्य में इस वर्ष अच्छे मानसून के चलते खरीफ फसलों की बुवाई का क्षेत्र बढ़ा है, जिससे उर्वरकों की मांग में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग ने सभी संबंधित कंपनियों, विक्रेताओं और अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
कृषि आयुक्त ने कहा कि यूरिया और डीएपी उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों जैसे सल्फर, हर्बीसाइड, पेस्टीसाइड या सूक्ष्म तत्व मिश्रण की टैगिंग करना पूरी तरह से अनुचित है। यह एफसीओ 1985 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 का स्पष्ट उल्लंघन है। लेकिन इस आदेश के बाद भी कोई कम्पनी इसकी पालना नहीं कर रहे है।
टैगिंग पर सख्त रोक, स्टॉक सूची प्रदर्शित करना अनिवार्य
विभाग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी उर्वरक आपूर्तिकर्ता या विक्रेता यूरिया व डीएपी के साथ अन्य उत्पादों की जबरन बिक्री नहीं करेगा। सभी विक्रेताओं को अपने प्रतिष्ठान पर उर्वरक स्टॉक मात्रा व मूल्य सूची प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है। अगर किसी भी स्तर पर टैगिंग या अनियमितता की शिकायत मिलती है तो संबंधित कंपनी या विक्रेता के खिलाफ एफसीओ, 1985 के प्रावधानों के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अनुदानित यूरिया के गैर-कृषि उपयोग पर कड़ी निगरानी
कृषि आयुक्त ने कहा कि अनुदानित यूरिया का औद्योगिक या अन्य गैर-कृषि कार्यों में उपयोग गैर-कानूनी है। अनुदानित और औद्योगिक यूरिया के मूल्यों में भारी अंतर होने से डायवर्जन की संभावना रहती है, इससे किसानों के लिए उर्वरक की उपलब्धता प्रभावित होती है। इसलिए विभाग ने जिला स्तर पर अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे गैर-कृषि उपयोग, कालाबाजारी और डायवर्जन पर सख्त निगरानी रखें और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें।
निरीक्षण और रिपोर्टिंग के निर्देश
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिले में अधिकृत उर्वरक विक्रेताओं के भंडारगृहों और बिक्री केंद्रों का निरीक्षण नियमित रूप से करें। बिना पीओएस मशीन के उर्वरक बेचने वाले विक्रेताओं पर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सभी जिलों से कार्रवाई की रिपोर्ट समय-समय पर कृषि आयुक्त कार्यालय को भेजी जाएगी।
उधर हमीरगढ़ में रविवार रात को आई खाद की रैक के साथ अन्य उत्पाद पर ही खाद दिया जा रहा है। अन्य उत्पाद न लेने पर अलग से सुविधा शुल्क लिया जा रहा है। उसके बिना कोई भी खाद नहीं दिया जा रहा है। बड़लियास के एक किसान ने बताया कि हमीरगढ़ में खाद लेने पर नैनो यूरिया व अन्य उत्पाद दे रहे हैं। विरोध करने पर खाद ही नहीं दे रहे हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
नैनो यूरिया को दे रहे बढ़ावा
खाद के साथ नैनो यूरिया की बोतल दे रहे हैं। सरकार भी इसे बढावा देना चाहती है। इसके कारण सहकारिता से जुड़े विभाग को खाद के साथ नैनो यूरिया की बोतल दे रहे हैं। किसानों को अगर आवश्यकता नहीं है तो नहीं लें।
वीके जैन, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग भीलवाड़ा