भोपाल

रील की राह में बड़े धोखे, सोशल मीडिया पर भी महिलाएं सुरक्षित नहीं

MP News Crime Against Women: साइबर अपराधियों के लिए बड़ा हथियार बना एआइ टूल, साइबर एक्सपर्ट कह रहे-सोशल मीडिया पर महिलाएं व्यक्तिगत तस्वीरें न करें साझा, सवाल…यह प्लेटफॉर्म अभिव्यक्ति का, फिर महिलाओं के लिए बंदिशें क्यों, सिस्टम दुरुस्त क्यों नहीं करते

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Feb 10, 2025
Crime Against Women in MP

MP News Crime Against Women on Social Media: महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पुलिस के लिए पहले से ही चुनौती बनी हुई है। अब महिलाएं सोशल मीडिया पर भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहीं। सोशल मीडिया के जरिए भी उन्हें अपराध का शिकार बनराया जा रहा है। सोशल मीडिया उनके वीडियो, तस्वीरें और रील साझा करने का फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं। वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का इस्तेमाल कर महिलाएं-युवतियों की अश्लील तस्वीरें और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं। प्रदेश में ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं।

नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में 2024 में ही ऑनलाइन धमकी, सोशल मीडिया पर प्रोफाइल की निगरानी, फर्जी प्रोफाइल बनाकर ब्लैकमेल और चेटिंग के जरिए फंसाने व शादी के नाम पर फर्जीवाड़े की करीब 2091 शिकायतें आईं। इनमें करीब 30 फीसदी (627) शिकायतें महिलाओं से जुड़ी थीं। इन मामलों में पुलिस ने कार्रवाई शुरू भी की। कई गिरफ्तारियां भी हुईं। लेकिन सोशल मीडिया या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता नहीं हो सकी।

जानकारों का कहना है कि महिलाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपनी निजी जानकारी साझा करने से बचना चाहिए। लेकिन सवाल है कि जब हर कोई अपनी तस्वीरें, वीडियो, रील साझा कर सकता है तो महिलाओं के लिए ऐसा प्रतिबंध क्यों? ऑनलाइन महिलाओं से छेड़छाड़, धमकी या ब्लैकमेल करने वालों के लिए सिस्टम इतना मजबूत क्यों नहीं बनाया जा सकता?

ज्यादातर केसों में डीपफेक का इस्तेमाल

पुलिस के पास आए प्रकरणों की पत्रिका ने पड़ताल की तो साफ हो गया कि महिलाओं से जुड़ी ज्यादातर शिकायतों में एआइ के जरिए डीपफेक का इस्तेमाल किया गया। चूंकि एआइ से वीडियो या फोटो से छेड़छाड़ करना बेहद आसान हो गया है।

निशाने पर नाबालिग लड़कियां

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर साइबर अपराधियों के निशाने पर ज्यादा नाबालिग लड़कियां हैं। टेलीग्राम नेटवर्क के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वॉट का इस्तेमाल कर लड़कियों की न्यूड तस्वीरें बनाई जा रही हैं। इसी ऐप में डीपफेक टूल भी है। इसके जरिए तस्वीरों के साथ कुछ भी करना बेहद आसान है। खास यह है कि लड़कियों की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर इसे डार्क नेट के जरिए बेचा भी जा रहा है।

साइबर अपराधी ऐसे कर रहे वारदात

पत्रिका ने साइबर एक्सपर्ट से अपराध के तरीकों को समझने का प्रयास किया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर महिलाएं, युवतियों के प्रोफाइल की लगातार निगरानी करते हैं। कई बार पुरुष अपराधी भी फर्जी अकाउंट बनाकर खुद को लडक़ी बताते हैं और फिर लड़कियों से चैटिंग कर उन्हें झांसे में लेते हैं। जब उनकी मंशा सफल नहीं होती तो फिर डीपफेक का सहारा लेकर अश्लील तस्वीरें बनाकर लड़कियों को भेजते हैं। उन्हें डराते हैं और फिर ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती है।

इन दो मामलों से समझिए ब्लैमेलिंग का खेल

1.मकान मालिक का बेटा भी बन गया दरिंदा

-28 अगस्त 2024: शहडोल में मोबाइल ऐप (एआइ) की मदद से नर्सिंग कोर्स करने वाली युवती का मकान मालिक के बेटे ने अश्लील तस्वीर बना ली। फिर ब्लैकमेल कर दुष्कर्म किया। पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया।

2.22 साल का अपराधी, फोटो में छेड़छाड़ कर धमकाया

-07 मई 2024: शाजापुर नगर पालिका के कम्प्यूटर संचालक ने एआइ के जरिए इंदौर की युवतियों की तस्वीरें बनाई। इसे सोशल मीडिया पर डालकर धमकाया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। वह सिर्फ 22 साल का था।

अपराध

कुल शिकायतें: महिलाओं से जुड़े मामले: कार्रवाई

धमकी और प्रोफाइल की निगरानी: 893: 267: 615

फेक प्रोफाइल: 1171: 351: 803

शादी के नाम पर धोखा: 27: 8: 19

(स्रोत: नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल-2024)

ये सावधानियां बचाएंगी

  • अनजान वीडियो कॉल कभी न उठाएं।
  • जिन वेबसाइट के यूआरएल में ताला न दिखे, उसे न खोलें।
  • सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्तियों के फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।
  • यदि ब्लैकमेल का शिकार हो जाए तो पुलिस की मदद लें।
  • जहां तक संभव हो, सोशल मीडिया में व्यक्तिगत फोटो साझा करने से बचें।

खतरनाक भी है एआइ, बचें

एआइ टूल आने के बाद से सेक्सटॉर्शन के मामले बढऩे लगे हैं। इस टूल ने उनका फरेब आसान कर दिया है। इससे फोटो-वीडियो में छेड़छाड़ करना बेहद आसान हो गया है। अभी कुंभ में ही एआइ के जरिए कई हस्तियों का फोटो एडिट कर वायरल किए गए। सावधानी रखनी होगी।

-सन्नी नेहरा, सायबर एक्सपर्ट

हम लगातार चला रहे अभियान

सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल सबके लिए घातक है। व्यक्तिगत जानकारी तो बिल्कुल भी महिलाओं को सोशल मीडिया में साझा नहीं करनी चाहिए। इसे लेकर हम लगातार अभियान चलाकर महिलाओं को जागरूक भी कर रहे हैं।

-पिंकी, जीवनानी, एआइजी, महिला सुरक्षा शाखा

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