MP News: 13 दिसंबर शनिवार को पूरे हो रहे मध्य प्रदेश सरकार के 2 साल, इस मौके पर पत्रिका स्टेट एडिटर पंकज श्रीवास्तव ने की सीएम मोहन यादव से खास बातचीत...
MP News: आप दो साल की दो बड़ी उपलब्धियां क्या मानते हैं? मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पत्रिका के इस सवाल पर बेबाकी से कहा- 10 नक्सलियों का एकसाथ आत्मसमर्पण करना बड़ी उपलब्धि है। यूं कहूं कि यह मध्यप्रदेश और नक्सली दोनों के लिए ऐतिहासिक है। नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा से जुडऩे के लिए पहली बार इस तरह से सामने आना पड़ा। सब जानते हैं कि नक्सली सरकार के लिए ही नहीं, प्रभावित जिलों की जनता के लिए भी बड़ी समस्या रहे हैं।
अब ये खात्मे की ओर हैं। नदी जोड़ो परियोजनाओं पर काम शुरू होना, कोई छोटी बात नहीं, बल्कि सरकार के साथ जनता के लिए दूसरी बड़ी उपलब्धि है। जब पानी खेतों-गांवों, शहरों तक पहुंचेगा तो प्रदेश को आर्थिक तरक्की मिलेगी। असल में मोहन सरकार और सीएम डॉ. मोहन यादव 13 दिसंबर को दो साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। इस मौके पर सीएम से पत्रिका के राज्य संपादक पंकज श्रीवास्तव ने कई मुद्दों पर चर्चा की। पेश हैं प्रमुख अंश-
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कुछ मंत्रियों के बयान सामने आए, कुछ मंत्रियों के रिश्तेदारों के कारण भी सरकार पर सवाल उठे, क्या एक्शन दिखेगा?
सरकार तो तुरंत काम करती है, जहां तक मंत्री के परिजन को लेकर जो बात आई है, उस पर कहना चाहूंगा कि कानून सबके लिए है, चाहे वह मंत्री हों या मंत्री के रिश्तेदार। जब बीते दिनों राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के भाई के खिलाफ भी केस दर्ज करना था तो हमारी सरकार पीछे नहीं हटी। राज्य मंत्री बागरी को भी धन्यवाद देना चाहूंगा, क्योंकि उन्होंने एक बार भी नहीं कहा कि मेरा भाई है तो छोड़ दो। कांग्रेस के शासनकाल में तो कांग्रेस अपने लोगों पर मुकदमे दर्ज नहीं होने देना चाहती थी। थाने से लोग छुड़ा ले जाते थे। गैस त्रासदी में हजारों लोग मारे गए, तब कांग्रेस ने ही तो एंडरसन को भगाने का पाप किया था, लेकिन हमारी सरकार की पारदर्शिता देखिए कि हमने राज्यमंत्री के भाई के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया।
चुनावी घोषणाएं बजट पर भारी पड़ रही हैं। लाड़ली बहना योजना के लिए क्या बजट प्रबंधन में सफलता मिल रही है?
यह तो हमारी सरकार के मैनेजमेंट का कमाल है कि हम कोई योजना बंद नहीं कर रहे, न ही करेंगे। जहां जिस राशि की जरूरत होगी, उसे खर्च करेंगे। आपने भी देखा होगा कि लाड़ली बहना योजना की राशि तो हम बढ़ा रहे हैं, बंद करने का तो सवाल ही नहीं। जरूरत के आधार पर आगे भी योजना की राशि बढ़ाएंगे। तय किया है कि जनवरी के बाद लाड़ली बहनों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी नए काम करेंगे। 1956 से 2003 तक पांच मेडिकल कॉलेज थे। दो साल में आठ कॉलेज तो हमने ही खोल दिए। राशि की कमी होती तो इतना तेज विकास कर पाते। अभी तो और कॉलेज खोलने जा रहे हैं।
अब दो साल पूरे हो गए। मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी हो गई। मंत्रिमंडल विस्तार कब तक होगा?
ये बात सही है कि समीक्षा में दो वर्ष के कामों को देखा। आने वाले तीन सालों की रणनीति भी बनाई। ये बात भी सही है कि हमारे यहां राष्ट्रीय नेतृत्व कामकाज को बारीकी से देखता आया है। बदलाव या विस्तार की बात है तो यह दौर भी आएगा,, लेकिन इस साल के बाद… वरिष्ठ स्तर से जो भी दिशा-निर्देश मिलेंगे, उसका पालन करते हुए आगे बढ़ेंगे।
बाकी बचे तीन वर्ष के लिए आपके बड़े लक्ष्य क्या होंगे?
राज्य को आर्थिक रूप से नंबर वन बनाना है। बजट को डबल करेंगे। सिंचाई का रकबा बढ़ाकर 100 लाख हेटेयर करेंगे। किसान, युवा, गरीब और महिला सभी के लिए तेजी से काम करेंगे। आम आदमी की आय बढ़ाएंगे। तय किया है कि 2026 को कृषि वर्ष के रूप में मनाएंगे। अगला साल खेती पर फोकस वाला होगा। पीछे देखने पर लगता है कि कई काम किए हैं, आगे देखने पर पता चलता है कि अभी तो और भी काम करने बाकी हैं।