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एमपी में मिले 7 फीट लंबे बाघ, सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे

MP News: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघ एस्टिमेशन का पहला चरण पूरा, पगमार्क और पेड़ों पर नाखून की खरोंच के अध्ययन में चौंकाने वाले खुलासे, एमपी के बाघ सबसे सशक्त...

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MP News Tiger Estimation 2025

MP News Tiger Estimation 2025(Photo: Freepik)

MP News: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में बाघ आकलन का पहला चरण पूरा हो गया है। पगमार्क, पेड़ों के तनों पर नाखूनों की खरोंच (क्लॉ मार्किंग) का भी अध्ययन किया गया। कई जगह पांच से सात फीट ऊंचाई तक खरोंच के निशान मिले। क्षेत्र का निर्धारण करने बाघ इस प्रकार की खरोंच लगाते हैं, जो उनकी ऊंचाई और ताकत का संकेत हैं। तीन दिन चले साइन सर्वे में एसटीआर के मैदानी अमले और वालंटियरों ने निशानों की गणना की। सर्वे में संकेत मिला है कि एसटीआर में नर बाघों का वजन 180 से 220 किलो तक और पूंछ सहित लंबाई लगभग सात फीट तक होती है। बाघिन का वजन 150 से 180 किलो और लंबाई लगभग चार से पांच फीट पाई गई।

दूसरे बाघ की मौजूदगी पसंद नहीं करते इसलिए बनाते हैं निशान

एसटीआर के चूरना रेंजर आरबी पाठक ने बताया कि बाघ अपने इलाके में किसी अन्य बाघ की मौजूदगी पसंद नहीं करता। इसलिए वह पेड़ों के तनों पर अपनी ऊँचाई के अनुरूप नाखूनों से खरोंच के निशान लगाता है, जिससे उसकी शक्ति और प्रभुत्व का संकेत मिलता है। इससे कमजोर बाघ उस क्षेत्र में प्रवेश नहीं करते, जबकि अधिक बलशाली बाघ चुनौती देने का प्रयास कर सकते हैं। बाघ गंध चिह्निकरण (सेंट मार्किंग) भी करता है, जिससे अन्य बाघ उसके क्षेत्र से दूर रहते हैं। क्लॉ मार्किंग के दौरान बाघ अपने नाखूनों में फंसे मांस और बालों को भी पेड़ों की मुलायम छाल से रगड़कर साफ करता है।

लंबाई और वजन में अत्यंत सशक्त एमपी के टाइगर

एमपी के एसटीआर में सात फीट तक ऊंचाई पर बाघों के नाखूनों के निशान मिले हैं। हमारे यहां के बाघ लंबाई और वजन में अत्यंत सशक्त हैं। भोजन प्रबंधन और संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिससे संख्या निरंतर बढ़ रही है।

-राखी नंदा, फील्ड डायरेक्टर, एसटीआर