MP News: मध्यप्रदेश में जब से मैहर, मऊगंज और पांढुर्णा को जिला बनाया गया है। तभी से जिले बनाने की मांग तेजी से उठ रही है। अगर प्रदेश में 6 नए जिले बनते हैं तो जिलों की संख्या 61 तक पहुंच सकती है।
MP News: मध्यप्रदेश में लगातार कई तहसीलों को जिला बनाने की मांग तेजी से उठ रही है। सरकार की ओर से सभी जिलों, तहसीलों और ब्लॉक की सीमाओं को जांचने के लिए आयोग का गठन किया है। आयोग नए सिरे से सीमांकन कर रूपरेख तैयार करेगा। वहीं, 6 तहसीलों को जिला बनाने की मांग तेजी से उठ रही है। आपको बता दें कि, एमपी में पिछले साल 52 जिलों से 55 जिले बने हैं। तो आइए जानते हैं अगर 6 जिले बनते हैं तो कितनी होगी जिलों की संख्या।
मध्यप्रदेश अभी 55 जिलों वाला प्रदेश है। जिसमें मैहर, मऊगंज और पांढुर्णा साल 2023 के विधानसभा चुनाव में अस्तित्व में आए थे। रीवा को मऊगंज से अलग करके जिला बनाया गया था। ऐसे ही सतना से मैहर और छिंदवाड़ा से पांढुर्णा को अलग करके जिला बनाया गया था। इससे पहले एमपी में 52 जिले ही हुआ करते थे। अब इन जिलों के अस्तित्व में आने से जिले बनाने की और तेजी से मांग उठने लगी है।
ये भी पढ़ें -एमपी में ये 6 तहसीलें बनेंगी जिला?
भौगेलिक दृष्टि से बीना, चाचौड़ा, खुरई, जुन्नारदेव, लवकुशनगर और मनावर को जिला बनाने की मांग लगातार उठ रही है। पुनर्गठन आयोग बनने से पहले इन जिलों को प्रमुख रूप से विचार किया जाएगा। सीएम पहले की कह चुके हैं कि लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने में 100-150 किलोमीटर के चक्कर काटने पड़ते हैं। ऐसे में लोगों को अपने जिले से ज्यादा नजदीक आसपास के जिले पड़ते हैं। ऐसे में विसंगतियों को दूर करने के लिए नया परिसीमन आयोग बनाया गया है।
ऐसे में अगर इन तहसीलों को जिला बनाया जाता है एमपी में फिर 61 जिले हो जाएंगे। हालांकि, ये संभव तभी हो पाएगा जब परिसीमन की रिपोर्ट पर भारत सरकार मुहर लगाएगी।
बड़े जिलों से तहसीलों को तोड़कर जिला बनाने से वित्तीय आजादी मिल जाती है। नए जिले बनने से आम लोगों को मुख्यालय पास पड़ेगा। सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो पाएंगी।