Sugar Test by Breaths: एमपी के बालाघाट की छात्रा अभिलाषा ने बनाई शुगर ब्रीद एसीटोन 3.0 (Sugar Breathe Acetone 3.0) नामक डिवाइस, अब शुगर लेवल जानने के लिए नहीं पड़ेगी सुई और खून की जरूरत, आसानी से पता चल जाएगा कितना है शुगर लेवल....
Sugar Test by Breaths: मधुमेह की जांच (Sugar Level Test) के लिए खून का सैंपल नहीं लेना पड़ेगा। डिवाइस में श्वास छोडऩे से ही पता चलेगा कि शरीर में कितना शुगर है। बालाघाट की छात्रा अभिलाषा ने शुगर ब्रीद एसीटोन 3.0 (Sugar Breathe Acetone 3.0) नामक डिवाइस बनाया है। वह जीएसटी पीजी कॉलेज की छात्रा हैं। इसी तरह फल-सब्जियों में प्रयुक्त खतरनाक रसायनों और छिपे कीड़ों का पता लगाने वाली डिवाइस और दृष्टिहीनों को मार्गदर्शन करने वाली तैयार अल्ट्रासोनिक छड़ी भी प्रदेश के प्रतिभाशाली छात्रों ने ही बनाई है।
ऐसे 1627 नवाचारों की प्रदर्शनी राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) की सृजन 2025 में लगाई है। इसमें टॉप 150 इनोवेटिव प्रोजेक्ट को पेंटेट के लिए आगे बढ़ाने और सीड फंडिग के लिए चुना गया है।
अभिलाषा की यह तकनीक (diabetes monitoring device) बिना दर्द के मधुमेह मरीजों को बड़ी राहत देगा। इंजेशन से डरने वाले मधुमेह के मरीजों की इस यंत्र से नियमित निगरानी हो सकेगी।
यह डिवाइस सांस में मौजूद किटोन बॉडीज का विश्लेषण कर शरीर में शुगर के स्तर को बता देता है। शुगर बढऩे पर शरीर में किटोन बॉडीज अधिक मात्रा में बनने लगती है। फूंक मारने पर यह पदार्थ सांस के जरिए इस डिवाइस में पहुंच जाता है और डिवाइस इसका विश्लेषण कर शुगर का स्तर बता देती है।
यह डिवाइस तीन श्रेणी में शुगर के स्तर का रीडिंग करती है। लो लेवल यानि कम शुगर, मॉडरेट यानि सामान्य शुगर लेवल और हाई शुगर लेवल। इस डिवाइस को पेटेंट मिल गया है। तकनीक की लैब में किटोन बॉडी डिटेक्शन के कई ट्रायल किए गए हैं, जिससे इसके परिणामों की विश्वसनीयता बढ़ी है।