Dharmendra Passes Away: कई दशकों से एक्टर धर्मेंद्र से जुड़े रहे लोगों ने बताया कि अभिनेता की राजस्थान के इस जिले में आने की अंतिम इच्छा अधूरी रह गई।
Dharmendra's Last Wish: बीकानेर के 63 वर्षीय प्रीतम कुमार सुथार बताते हैं कि '1979 में फिल्म रजिया सुल्तान की शूटिंग के दौरान पहली बार धर्मेंद्र से मुलाकात हुई। इसके बाद हर साल उनके जन्मदिन पर मुंबई जाना परंपरा बन गई। 1985 में सुथार ने धर्मेंद्र कलर लैब की शुरुआत की। 8 दिसंबर 2010 को धर्मेंद्र का 75वां जन्मदिन, फिल्मों के 50 वर्ष और लैब के 25 वर्ष पूरे होने पर सुथार ने बीकानेर से मुंबई तक 1300 किमी साइकिल यात्रा कर जन्मदिन मनाया।'
सुथार बताते हैं कि जब भी धर्मेंद्र बीकानेर शूटिंग के लिए आते, वह उनके साथ ही रहते। स्टूडियो में धर्मेंद्र का एक छोटा मंदिर बनाया गया था, जहां 30-35 वर्षों तक पूजा की। तकरीबन 1 महीने पहले ही मुंबई में हुई मुलाकात में धर्मेंद्र ने करीब घंटे भर बातचीत की और कहा मन है, 'जल्द फिर बीकानेर आऊं।'
65 वर्षीय एम. रफीक कादरी बताते हैं कि 1990-91 में क्षत्रिय फिल्म की शूटिंग के दौरान जूनागढ़ में धर्मेंद्र और विनोद खन्ना के दृश्य फिल्माए जा रहे थे। कुछ मिनट की मुलाकात में जब उन्होंने बताया कि वे बड़े फैन हैं, तो धर्मेंद्र मुस्कराए ‘‘अच्छा, बीकानेर में भी मेरे फैन हैं।’’ कादरी कहते हैं उनकी सबसे बड़ी खूबी थी सादगी और सहजता।
रंगकर्मी दलीप सिंह भाटी बताते हैं कि टिकट मिलने के बाद दौरे में धर्मेंद्र से रवींद्र रंगमंच की मांग रखी गई। सांसद बनते ही पहले ही बजट में 50 लाख रु. की पहली किश्त जारी कर दी। यह बीकानेर के रंगकर्मियों के लिए बड़ी सौगात साबित हुई। इसके बाद राज्य सरकार ने भवन निर्माण पूरा कराया।