ऑडिटोरियम का निर्माण 2023 में शुरू हुआ था। दो साल में सिविल वर्क यानी पहला चरण पूरा होने की स्थिति में है। अब दूसरे चरण में 900 कुर्सियां, एसी, लाइटिंग, ऑडियो-वीडियो सिस्टम, अन्य अंदरूनी इंस्टॉलेशन होने हैं।
राजकीय डूंगर महाविद्यालय में तैयार हो रहा हाईटेक ऑडिटोरियम अब पहले चरण से निकलकर ‘अधूरी मंजिल’ पर खड़ा है। बिल्डिंग तो तैयार है, मगर सीटिंग, साउंड और एसी-लाइटिंग जैसी मुख्य सुविधाओं का काम बजट के इंतज़ार में अटक गया है। गौरतलब है, सरकार ने बजट में 15 करोड़ की घोषणा की थी, लेकिन वित्तीय स्वीकृति केवल 10 करोड़ की ही मिली। उसी राशि में सिविल वर्क पूरा कर दिया गया। अब दूसरे चरण के लिए 5 करोड़ की दरकार है। कॉलेज प्रशासन ने आयुक्तालय को पत्र भेजा है। स्थानीय विधायकों को भी मदद के लिए पत्र लिखे गए हैं। स्वीकृति नहीं मिली, तो आने वाले दिनों में काम पूरी तरह ठप हो सकता है।
पहला चरण पूरा, दूसरा चरण सबसे अहम
ऑडिटोरियम का निर्माण 2023 में शुरू हुआ था। दो साल में सिविल वर्क यानी पहला चरण पूरा होने की स्थिति में है। अब दूसरे चरण में 900 कुर्सियां, एसी, लाइटिंग, ऑडियो-वीडियो सिस्टम, अन्य अंदरूनी इंस्टॉलेशन होने हैं। बजट मिल गया, तो जल्द ही यह बड़ा प्रोजेक्ट शहर को एक नया आयोजन स्थल दे सकता है।
हाईटेक का पूरा पैकेज
डूंगर कॉलेज का यह ऑडिटोरियम दो मंजिला होगा। पूरी तरह वातानुकूलित, लिफ्ट की सुविधा के साथ हीवीआईपी एंट्री का अलग गेट होगा। हाईटेक म्यूजिक सिस्टम, अलग पार्क और पार्किंग के अलाव 10 से अधिक मल्टीपरपज रूम बनेंगे। कुल 47.46 गुणा 66.80 मीटर क्षेत्र में भवन होगा, जिसमें 18.51 गुणा 9.12 मीटर का मुख्य मंच, 5 गुणा 6.86 मीटर का रिहर्सल रूम और 900 से अधिक लोगों की सीटिंग इसे शहर के बड़े आयोजनों के लिए उपयुक्त बनाएगी।
पीटीईटी की बचत से भी मिल सकती है राशि
कॉलेज प्राचार्य प्रो. राजेन्द्र पुरोहित के अनुसार, प्रोजेक्ट रिपोर्ट 15 करोड़ की थी, पर स्वीकृति 10 करोड़ ही मिली। पीटीईटी की बचत राशि में से डूंगर कॉलेज को लगभग 25 करोड़ मिलने प्रस्तावित थे, जो अभी तक नही मिले। उन्होंने कहा, यदि सरकार उसी राशि में से दे दे, तो दूसरा चरण पूरा हो सकता है। आयुक्तालय व जनप्रतिनिधियों को भी पत्र लिख चुके हैं।