इस साल शुरुआत से ही कंपनियां जमकर बोनस शेयरों की घोषणा कर रही हैं, जिससे शेयरधारकों को दोहरा लाभ मिल रहा है, एक तो शेयर बाजार में आई तेजी से स्टॉक्स की प्राइस रेकॉर्ड हाइ हैं और दूसरा कई कंपनियां वर्षों बाद बोनस शेयर दे रही हैं। 2024 में अब तक 80 से ज्यादा कंपनियों ने बोनस शेयर दिए हैं, जो गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा हैं।
जगमोहन शर्मा
इस साल शुरुआत से ही कंपनियां जमकर बोनस शेयरों की घोषणा कर रही हैं, जिससे शेयरधारकों को दोहरा लाभ मिल रहा है, एक तो शेयर बाजार में आई तेजी से स्टॉक्स की प्राइस रेकॉर्ड हाइ हैं और दूसरा कई कंपनियां वर्षों बाद बोनस शेयर दे रही हैं।
2024 में अब तक 80 से ज्यादा कंपनियों ने बोनस शेयर दिए हैं, जो गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा हैं।
बोनस शेयर उन शेयरहोल्डर्स को जारी किए जाते हैं, जिनके पास पहले से ही उस कंपनी के शेयर्स होते हैं। बोनस यानी कि एक तरह का एक्स्ट्रा शेयर जिसे कंपनी जारी करती है और शेयरहोल्डर्स को मुफ्त में देती है।
बोनस शेयर एक कंपनी द्वारा तब जारी किए जाते हैं जब वह उस तिमाही के लिए अच्छा मुनाफा कमाने के बावजूद धन की कमी के कारण अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड का भुगतान करने में सक्षम नहीं होती है। ऐसे में मौजूदा शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देने के बजाय बोनस शेयर जारी करती है।
बोनस शेयर मौजूदा शेयरहोल्डर्स को कंपनी में उनकी मौजूदा हिस्सेदारी के अनुसार दिए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर कोई कंपनी 2:1 के रेशों में बोनस शेयर्स की घोषणा करती है, तो इसका मतलब होगा कि मौजूदा शेयरहोल्डर को प्रत्येक दो शेयरों पर एक बोनस शेयर दिया जाएगा।
बोनस शेयर प्राप्त करने पर निवेशकों को कोई टैक्स देने की आवश्यकता नहीं होती है। यह लंबी अवधि के शेयरहोल्डर्स के लिए फायदेमंद है जो अपना निवेश बढ़ाना चाहते हैं। बोनस शेयर कंपनी के संचालन में निवेशकों के विश्वास को बढ़ाते हैं क्योंकि नकदी का उपयोग कंपनी द्वारा कारोबार को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
विप्रो ने सबसे ज्यादा बार बोनस शेयर दिए हैं, कंपनी ने 30 साल में कुल 13 बार बोनस दिया है।
संवर्धना मदरसन कंपनी ने अपने शेयरहोल्डर्स को अब तक दस बार बोनस शेयर दिए हैं।
इंफोसिस ने भी पिछले 30 वर्षों में 8 बार अपने निवेशकों को बोनस शेयर का तोहफा दिया है।