सहायक समिति प्रबंधक एवं नगर परिषद घुवारा के अध्यक्ष पति जाहर सिंह पर भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप प्रमाणित पाए गए हैं।
सेवा सहकारी समिति मर्यादित सेधपा शाखा बड़ामलहरा में पदस्थ सहायक समिति प्रबंधक एवं नगर परिषद घुवारा के अध्यक्ष पति जाहर सिंह पर भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप प्रमाणित पाए गए हैं। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, सागर की विस्तृत जांच और साक्ष्य के आधार पर उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 120 (बी) तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(ई), 13(2) के तहत अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की गई है।
जांच के अनुसार जाहर सिंह ने वर्ष 1997 से 2022 तक अपनी सेवा अवधि के दौरान, अपने वैध आय स्रोतों से कहीं अधिक कुल 3.12 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति अर्जित की, जबकि उनकी वैध आय मात्र 1.29 करोड़ ही थी। इस प्रकार उन्होंने 241.43 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की, जो कि उनकी सेवा पद की शक्तियों का दुरुपयोग कर अर्जित की गई है।
छतरपुर निवासी अयोध्या प्रसाद बाजपेयी द्वारा जाहर सिंह के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि सिंह ने अपने और अपने परिजनों के नाम पर अवैध संपत्तियां अर्जित की हैं। जांच में पाया गया कि जाहर सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पत्नी गुड्डी बाई, पुत्र यादवेन्द्र सिंह, अभय प्रताप सिंह, कृष्ण प्रताप सिंह और बहू अंजना सिंह के नाम पर भी संपत्तियां अर्जित कीं।
यह मामला आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल में वर्ष 2022 में अपराध क्रमांक 102/22 के अंतर्गत दर्ज किया गया था। मामले की विवेचना सागर इकाई द्वारा की गई और पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर न्यायालय में अभियोजन हेतु अनुमति मांगी गई थी। उक्त अनुरोध पर विचार करते हुए, सेवा सहकारी समिति सेधपा के प्रशासक प्रदीप कुमार द्विवेदी ने अभियोजन की अनुमति प्रदान करते हुए कहा कि जाहर सिंह लोक सेवक की श्रेणी में आते हैं, और उनके विरुद्ध दर्ज अपराध दंडनीय हैं।
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि जाहर सिंह ने प्रभारी समिति प्रबंधक के रूप में सहकारी समितियों के अधिनियम और उपनियमों का दुरुपयोग करते हुए अपने पद का लाभ केवल अपने निजी हित में उठाया। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि आम जनता और सहकारी संस्था की आर्थिक विश्वसनीयता पर भी प्रहार है।
मामले में पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ सागर द्वारा संपूर्ण जांच कर प्रतिवेदन तैयार किया गया और उपायुक्त सहकारिता एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित किया गया। अब यह प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा, जहां जाहर सिंह और उनके परिजनों के खिलाफ विधिवत सुनवाई होगी।