ESMA Emplemented:सरकार ने विभागों में हड़तालों पर रोक के आदेश जारी कर दिए हैं। इसी के साथ ही उत्तराखंड में एस्मा एक्ट लागू कर दिया गया है। साथ ही उपनल में नो वर्क-नो पे लागू कर दिया गया है। कार्मिक सचिव शैलेश बगौली और सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी ने इस संबंध में दो अलग-अलग आदेश जारी किए हैं। इस आदेश से कर्मचारियों में आक्रोश भी है।
ESMA Emplemented:सरकार ने अगले छह माह तक सरकारी विभागों के कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है। बता दें कि उत्तराखंड में विस चुनाव नजदीक हैं। चुनावी साल करीब आते ही राज्य में कई कर्मचारी संगठन सरकार पर दबाव डालने के लिए आंदोलनों की राह पर हैं। कर्मचारी आंदोलनों के जरिए सरकार पर दबाव बनाकर अपनी मांगों को मनवाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। इससे प्रदेश के सरकारी विभागों में कामकाज पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। इसके अलावा राज्य में उपनल कर्मी भी करीब डेढ़ हफ्ते से हड़ताल पर बैठे हैं। इसी को देखते हुए कार्मिक सचिव शैलेष बगौली ने हड़ताल पर रोक से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। इधर, राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान के मुताबिक शिक्षक इस आदेश से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक न अनुरोध के आधार पर तबादले हुए और न प्रमोशन हुए। उन्होंने चेताया कि आज यदि इन मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो शिक्षक आंदोलन होकर रहेगा।
उत्तराखंड में एस्मा लागू होते ही कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। राज्य में यह प्रतिबंध आवश्यक वस्तु अनुरक्षण अधिनियम 1966 के तहत लगाया गया है। दूसरी तरफ, सैनिक कल्याण सचिव ने उपनल के एमडी ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट को तत्काल प्रभाव से ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ के नियम को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जिन-जिन कार्यालयों में उपनल के जरिये आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं, उन्हें भी इसकी सूचना दे दी जाए। जो कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं, उनकी गैरहाजिरी दर्ज की जाए।