गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (Cervical cancer) महिलाओं में होने वाला एक घातक कैंसर है, जो गर्भाशय की ग्रीवा (Cervix ) के कोशिकाओं में होता है। इसका पता अक्सर देर से चलता है क्योंकि शुरुआती चरणों में इसके लक्षण आमतौर पर दिखाई नहीं देते। समय पर पहचान और उचित देखभाल से इस कैंसर को रोका जा सकता है।
गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के कारण Causes of cervical cancer
- ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) संक्रमण: गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (Cervical cancer) का सबसे बड़ा कारण ह्यूमन पैपिलोमावायरस संक्रमण है। इस वायरस के कई प्रकार होते हैं, लेकिन कुछ प्रकार गर्भाशय की ग्रीवा की कोशिकाओं में कैंसर का विकास करते हैं।
- अन्य यौन संचारित संक्रमण (STIs): क्लैमाइडिया, गोनोरिया, और एचआईवी जैसी अन्य यौन संचारित बीमारियों से संक्रमित महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- धूम्रपान: धूम्रपान गर्भाशय की ग्रीवा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और कैंसर का खतरा बढ़ा देता है।
- कमीजोर प्रतिरक्षा तंत्र: प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने से शरीर का संक्रमणों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लक्षण Symptoms of cervical cancer
Symptoms of cervical cancer
- असामान्य योनि से रक्तस्राव: मासिक धर्म के बीच या रजोनिवृत्ति के बाद होने वाला असामान्य रक्तस्राव चिंता का विषय हो सकता है।
- योनि से असामान्य स्राव: गाढ़ा, दुर्गंधयुक्त या रक्त मिश्रित स्राव गर्भाशय ग्रीवा कैंसर का लक्षण हो सकता है।
- श्रोणि में दर्द: श्रोणि क्षेत्र में दर्द या सेक्स के दौरान दर्द होना भी गर्भाशय ग्रीवा कैंसर का संकेत हो सकता है।
- पेशाब करने में परेशानी: पेशाब करते समय दर्द या कठिनाई महसूस होना भी एक संकेत हो सकता है।
गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के जोखिम Cervical Cancer Risks
- कई यौन साथियों के साथ संबंध: कई यौन साथियों के साथ यौन संबंध बनाने से गर्भाशय ग्रीवा कैंसर का जोखिम बढ़ता है।
- यौन सक्रियता की प्रारंभिक आयु: यौन सक्रियता की प्रारंभिक शुरुआत गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा देती है।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: एचआईवी संक्रमण या प्रतिरक्षा दबाने वाली दवाओं के उपयोग से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है।
गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की रोकथाम Prevention of cervical cancer
Prevention of cervical cancer
- HPV टीकाकरण: HPV वैक्सीन का उपयोग 9 से 26 वर्ष की लड़कियों और महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए किया जाता है।
- नियमित स्क्रीनिंग: पाप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी टेस्ट के माध्यम से नियमित स्क्रीनिंग सर्वाइकल कैंसर की समय पर पहचान में मदद कर सकती है।
- सुरक्षित यौन व्यवहार: कंडोम का उपयोग और यौन संचारित संक्रमणों से बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाना आवश्यक है।
- धूम्रपान छोड़ना: धूम्रपान छोड़ने से गर्भाशय ग्रीवा कैंसर का जोखिम कम किया जा सकता है।
गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (Cervical cancer) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही जानकारी, जागरूकता और समय पर कार्रवाई से इसे रोका जा सकता है। नियमित स्वास्थ्य जांच और उचित जीवनशैली अपनाकर महिलाएं इस खतरे को कम कर सकती हैं।