जिला विकास एवं निगरानी समिति की जिला कलक्ट्रेट सभागार में सोमवार को हुई बैठक में हंगामे की स्थिति बनी। पहली बार बैठक में बीएपी के बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत और भाजपा के उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत की एक साथ उपस्थिति रही।
डूंगरपुर। जिला विकास एवं निगरानी समिति की जिला कलक्ट्रेट सभागार में सोमवार को हुई बैठक में हंगामे की स्थिति बनी। पहली बार बैठक में बीएपी के बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत और भाजपा के उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत की एक साथ उपस्थिति रही। बैठक शुरू होने के बाद स्थानीय विषयों पर काफी देर तक चर्चा चलती रही। इसी दौरान उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने केंद्र स्तर से तय बैठक के प्रावधानों के अनुसार चर्चा किए जाने का मुद्दा उठाया।
इस पर बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने रोष जताते हुए कहा कि अध्यक्ष की अनुमति से बैठक में अन्य विषयों पर भी चर्चा की जा सकती है। इसके बाद दोनों सांसदों के बीच काफी देर तक बहस की स्थिति बनी रही। मामला इतना गरमाया कि स्थिति तू-तू-मैं-मैं तक पहुंच गई। इसी बीच बीएपी के आसपुर विधायक उमेश मीणा भी सांसद रोत के समर्थन में खड़े हो गए और सांसद मन्नालाल रावत को धमकाते हुए यहां तक कह दिया कि अगर लड़ाई करनी है तो बाहर आ जाना।
इस पर सांसद रावत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि वे संविधान के तहत तय प्रावधानों की बात कर रहे हैं, लेकिन उन्हें धमकाया जा रहा है। काफी देर तक चली तीखी बहस के बावजूद जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह, एडिशनल एसपी मुकेश सांखला, सीईओ हनुमानसिंह राठौड़ सहित अन्य अधिकारी मूक दर्शक ही बने रहे। नोंक-झोंक के दौरान सुरक्षाकर्मी बीच-बचाव में खड़े रहे।
जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक सांसद की अध्यक्षता होती है। डूंगरपुर जिले में चार विधानसभा हैं। इसमें से डूंगरपुर, सागवाड़ा और चौरासी सांसद राजकुमार रोत के संसदीय क्षेत्र में आती हैं, जबकि आसपुर विधानसभा उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत के संसदीय क्षेत्र में शामिल है। इसी कारण उदयपुर सांसद भी बैठक में शामिल हुए थे।