JEE Mains: कम रैंक के बावजूद छात्रों को इंजीनियरिंग के लिए बढ़िया ऑप्शन मिल सकता है। हम कुछ ऐसे ही विकल्प के बारे में आपको बताने जा रहे है।
JEE MAINS: हर साल लाखों छात्र JEE Mains परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन सभी को मनचाहा रैंक या कॉलेज नहीं मिल पाता। ऐसे में कई छात्रों को निराशा घेर लेती है, परंतु यह समझना जरूरी है कि कम रैंक का मतलब यह नहीं कि करियर खत्म हो गया। यहां कुछ महत्वपूर्ण विकल्प दिए जा रहे हैं जो कम रैंक के बावजूद आपके भविष्य को एक नई दिशा दे सकते हैं। कम रैंक के बावजूद छात्रों को इंजीनियरिंग के लिए बढ़िया ऑप्शन मिल सकता है। हम कुछ ऐसे ही विकल्प के बारे में आपको बताने जा रहे है।
जो सबसे पहला ऑप्शन छात्रों के पास होता है वो है, यदि छात्र ने JEE Mains में कट-ऑफ क्लियर कर लिया है, तो JEE Advanced में बैठने का मौका अभी भी है। JEE Advanced की अच्छी तैयारी करके IIT में दाखिला पाया जा सकता है। जिसके बाद अगर JEE Advanced में अच्छी रैंक छात्र ले आते हैं तो बढ़िया कॉलेज मिलना आसान हो जाता है।
JEE Mains और JEE Advance के अलावा हर राज्य में अलग-अलग इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं होती हैं जैसे कि MHT-CET (महाराष्ट्र), WBJEE (पश्चिम बंगाल), COMEDK (कर्नाटक)। इन परीक्षाओं के जरिए भी अच्छे कॉलेज मिल सकते हैं। अलग-अलग राज्यों के बढ़िया कॉलेजों में स्टेट इंजीनियरिंग टेस्ट के माध्यम से एडमिशन लिया जा सकता है।
देश में कई प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। जिनकी रैंकिंग भी बहुत बढ़िया है। इन कॉलेजों की पढ़ाई और प्लेसमेंट भी काफी अच्छा है। इन कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए सभी प्राइवेट कॉलेज अपना अलग टेस्ट ऑल इंडिया लेवल पर लेते हैं। इसलिए इन टेस्ट को पास करके भी इन कॉलेजों में दाखिला लिया जा सकता है।
यदि आप मानते हैं कि आपने तैयारी में पूरी मेहनत नहीं की या बेहतर कर सकते थे, तो एक साल ड्रॉप लेकर दोबारा JEE की तैयारी की जा सकती है। लेकिन यह फैसला सोच-समझकर और दृढ़ आत्मविश्वास के साथ लेना चाहिए।