लाइनमैन मुकेश वाल्मीकि चौक पर लगे ट्रांसफार्मर का फ्यूज लगाने के लिए पोल चढ़ा हुआ था, इसी दौरान अचानक विद्युत सप्लाई चालू कर दी गई। 11 केवी करंट की चपेट में आने से लाइनमैन की मौत हो गई।
पीलीबंगा (हनुमानगढ़)। जोधपुर डिस्कॉम के अधिकारियों व कर्मचारियों की गंभीर लापरवाही ने बुधवार देर शाम एक युवक की जान ले ली। एफआरटी (फॉल्ट रिपेयर टीम) में कार्यरत 33 वर्षीय मुकेश की करंट लगने से मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद विद्युत निगम की कार्यप्रणाली, आपसी समन्वय और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुकेश पुत्र दिलीप कुमार जाट, निवासी कालीबंगा, वाल्मीकि चौक पर लगे ट्रांसफार्मर का फ्यूज लगाने के लिए पोल पर चढ़ा हुआ था। इसी दौरान 132 केवी जीएसएस से विद्युत सप्लाई चालू कर दी गई। अचानक आई सप्लाई से मुकेश 11 हजार वोल्ट लाइन की चपेट में आ गया और बुरी तरह झुलस गया।
हादसा इतना भयावह था कि करंट प्रवाहित होने के कारण कुछ देर तक कोई भी उसके पास जाने की हिम्मत नहीं कर पाया। सूचना मिलने पर सप्लाई बंद कर उसे नीचे उतारा गया और तत्काल पीलीबंगा के राजकीय अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हादसे की खबर फैलते ही अस्पताल परिसर में भारी भीड़ जमा हो गई। विधायक विनोद गोठवाल, किसान सभा के तहसील अध्यक्ष गोपाल बिश्नोई, जोधपुर डिस्कॉम के एईएन गोविंदनाथ, जेईएन (शहरी) शुभम जैन सहित विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में नागरिक अस्पताल पहुंचे।
इस हादसे ने एक बार फिर विद्युत निगम में समन्वय की भारी कमी और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर कर दिया। सवाल उठता है कि लाइन पर काम चलने के बावजूद सप्लाई कैसे चालू कर दी गई। हादसे के बाद मृतक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है, वहीं आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।
नागरिकों ने आरोप लगाया कि नगरपालिका क्षेत्र में विद्युत पोलों पर करंट प्रवाहित होने या किसी अनहोनी की सूचना देने के लिए जब विद्युत निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों को फोन किए जाते हैं, तो फोन नहीं उठता है।