रिसर्च के मुताबिक Dementia और Mild Cognetive impairment (MCI) जैसी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है।
Back Pain से ग्रस्त हैं और अगर Pain Killer ले रहे हैं तो डॉक्टर से नियमित रूप से चेकअप कराते रहें। दवा की मात्रा और कब से खा रहे हैं, इसे लेकर सतर्क रहें। Gabapentin नाम की दवा भले ही नशे की लत वाली न हो, लेकिन इसको ज्यादा समय तक लेना आपके मानसिक स्वास्थ्य को खराब कर सकता है। याद्दाश्त जाने का खतरा रहता है और भारत में Pain Killer के नाम पर काफी प्रचलित है।
डॉक्टरों के मुताबिक Gabapentin को कमर दर्द के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। यह दवाई अब सवालों के घेरे में है। अमेरिका की एक बड़ी मेडिकल स्टडी में खुलासा हुआ है कि अगर किसी व्यक्ति को Gabapentin की छह या उससे ज्यादा बार दवा दी गई तो उसमें Dementia (याद्दाश्त कमजोर होना) और Mild Cognetive impairment (MCI) जैसी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है।
प्रांतीय मेडिकल सेवा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक यादव ने बताया कि Gabapentin ऐसी पेन किलर है, जो ज्यादा दिन तक खाने पर मरीज के दिमाग, लीवर और किडनी पर असर डालती है। इन दिनों मरीज कमर दर्द या किसी और हिस्से में पेन की शिकायत करते हैं तो डॉक्टर उसे Gabapentin सजेस्ट कर रहे हैं, जो पूरी तरह गलत है। कुछ साल पहले तक यह दवाई इतना प्रचलन में नहीं थी।
डॉ. यादव के मुताबिक न्यूरोलॉजिस्ट ही इसे प्रेस्क्राइब किया करते थे। कई बार मरीज भी डॉक्टर से दर्द की दवा लिखवाकर उसे सालों तक खाते रहते हैं, जो खतरनाक है। Gabapentin को पूरे प्रोटोकॉल के साथ दिया जाता है। इसमें कितनी डोज खाना और कितने दिन खाना है, सब डॉक्टर की देखरेख में चलता है। Gabapentin की अधिक डोज मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
यह स्टडी Regional Anesthesia & Pain Medicine जर्नल में छपी है और इसमें 2004 से 2024 तक के 26,414 मरीजों के हेल्थ रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया। रिसर्च में सामने आया कि Gabapentin की 6+ बार खुराक लेने वालों में Dementia का खतरा 29% और MCI का खतरा 85% तक बढ़ गया।
शोध में यह भी पता चला कि 18 से 64 साल की उम्र के मरीजों में Dementia का खतरा दोगुना से ज्यादा था। खासकर 35-49 साल की उम्र वालों में डिमेंशिया का खतरा दोगुना और MCI का खतरा तीन गुना तक बढ़ा। 12 या उससे ज्यादा बार दवा लेने पर डिमेंशिया का खतरा 40% और MCI का खतरा 65% तक पहुंच गया।
1- याद्दाश्त कमजोर होना
2- निर्णय लेने की क्षमता में कमी
3- सोचने-समझने में दिक्कत
4- धीरे-धीरे मानसिक कार्यक्षमता का गिरना
5- भावनात्मक अस्थिरता या डिप्रेशन के लक्षण
यह स्टडी भले ही ऑब्जर्वेशनल है यानी कारण और असर का सीधा संबंध नहीं बताती, लेकिन यह संकेत जरूर देती है कि Gabapentin का लगातार और अनियंत्रित इस्तेमाल दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर जवानी और अधेड़ उम्र में। इसलिए ऐसे मरीजों को डॉक्टर के नियमित चेकअप में रहना चाहिए।