Parijat Kadha : पारिजात, जिसे हरसिंगार (Harsingar decoction) या शेफालिका भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। इसके पत्ते, फूल और छाल का उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है। सर्दी-जुकाम, जोड़ों के दर्द, बुखार, त्वचा रोग और अनिद्रा जैसी समस्याओं के समाधान में पारिजात का काढ़ा और चाय रामबाण साबित होती है।
Parijat Kadha : सर्दियों का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है। ऐसे में पारिजात (Parijat), जिसे हरसिंगार (Harsingar decoction) या शेफालिका भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक वरदान साबित हो सकता है। आयुर्वेद में इस औषधीय पौधे को "स्वास्थ्य का खजाना" माना गया है। पारिजात के पत्ते, फूल और छाल, सभी का उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है।
सर्दियों में सर्दी-जुकाम आम समस्या है, और पारिजात का काढ़ा (Parijat Kadha) इसमें रामबाण का काम करता है।
पारिजात के 4-5 पत्ते लें।
इन्हें एक कप पानी में 10-15 मिनट तक उबालें।
इसमें स्वादानुसार काली मिर्च और नमक मिलाएं।
गर्मागर्म काढ़ा पिएं।
यह काढ़ा शरीर को गर्मी देने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
पारिजात (Parijat) के फूल और पत्ते अस्थमा और सांस संबंधी अन्य समस्याओं के लिए भी बहुत फायदेमंद माने गए हैं।
सूखी खांसी से राहत के लिए पारिजात के फूलों और पत्तों से बनी चाय का सेवन करें।
चाहें तो इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर इसका स्वाद बेहतर बना सकते हैं।
यह न केवल खांसी को कम करता है, बल्कि अस्थमा के लक्षणों को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
पारिजात (Parijat) के औषधीय गुण जोड़ों के दर्द और बुखार से निजात दिलाने में अद्वितीय हैं।
इसके पत्तों का काढ़ा नियमित रूप से पीने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
यह बुखार को कम करने में भी मदद करता है।
पारिजात (Parijat) में ऐसे गुण होते हैं जो त्वचा रोगों और एलर्जी से लड़ने में सहायक होते हैं।
यह ई.कोली जैसे हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करता है।
फंगल और वायरल संक्रमण में भी यह बेहद प्रभावी है।
यदि आपको नींद न आने की समस्या है, तो पारिजात का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसकी चाय या काढ़ा पीने से शरीर को आराम मिलता है और नींद में सुधार होता है।
पारिजात (Parijat) न केवल एक औषधीय पौधा है, बल्कि सर्दियों में सेहत का रामबाण उपाय है। आयुर्वेद में इसे विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए वर्षों से प्रयोग किया जा रहा है। नियमित रूप से इसके पत्तों या फूलों से बनी चाय या काढ़े का सेवन करें और इस सर्दी को बिना किसी स्वास्थ्य समस्या के आसानी से पार करें।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक परंपराओं पर आधारित है। किसी भी नई औषधि या उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।