घरेलू और प्राकृतिक उपचार

Malaria और Dengue का काल हैं ये हरी पत्तियां, तेज से तेज बुखार को उतारने में है कारगर

Malaria and Dengue : बारिश का मौसम न केवल ठंडक और सुकून लाता है, बल्कि मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा देता है, जो मलेरिया (Malaria) जैसी घातक बीमारियों का कारण बनता है।

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Aug 21, 2024
Kalmegh leaves: A sure cure for malaria

Malaria and Dengue : बारिश का मौसम न केवल ठंडक और सुकून लाता है, बल्कि मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा देता है, जो मलेरिया (Malaria) जैसी घातक बीमारियों का कारण बनता है। मलेरिया, जो कि संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है, हर साल अनेक लोगों को अपनी चपेट में लेता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना और शरीर का तापमान 101 से 105 डिग्री तक पहुंच जाना शामिल हैं। यह संक्रमण रोगी के लीवर पर भी बुरा असर डालता है।

कालमेघ की पत्तियां: मलेरिया का रामबाण इलाज : Kalmegh leaves: A sure cure for malaria

मलेरिया (Malaria) से बचाव और इलाज के लिए आयुर्वेद में कुछ प्रभावी और सुरक्षित उपाय बताए गए हैं। मलेरिया (Malaria) के इलाज के लिए सबसे कारगर उपाय है कालमेघ की पत्तियों (Leaves of kalamegha) का रस। यह एक ऐसा उपाय है जो मलेरिया को पूरी तरह से खत्म कर सकता है। सुबह खाली पेट कालमेघ के पत्तों (Leaves of kalamegha) का रस निकालकर मलेरिया (Malaria) से पीड़ित व्यक्ति को पिलाने से कुछ ही दिनों में बुखार ठीक हो सकता है। हालांकि, इसका स्वाद बेहद कड़वा होता है, इसलिए इसे हल्के बुखार वाले लोगों को नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह उल्टी का कारण बन सकता है।

चिरायता और गिलोय: प्रकृति का वरदान : Chiraita and Giloy: A boon from nature

Chiraita and Giloy: A boon from nature


मलेरिया (Malaria) के इलाज में चिरायता और गिलोय भी अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं। चिरायता की पत्तियों का रस निकालकर सेवन करने से मलेरिया में काफी आराम मिलता है। लेकिन, इसका उपयोग करते समय ध्यान रखना चाहिए कि चिरायता की तासीर ठंडी होती है, इसलिए जिन लोगों का शरीर सामान्यतः ठंडा रहता है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

वहीं, गिलोय को मलेरिया (Malaria) और डेंगू (Dengue) के इलाज के लिए एक वरदान माना जाता है। गिलोय का काढ़ा बनाकर दिन में तीन-चार बार सेवन करने से मलेरिया और डेंगू के लक्षणों में तेजी से सुधार होता है और रोगी जल्द ही स्वस्थ हो जाता है।

आयुर्वेद के साथ सुरक्षा उपाय भी अपनाएं

हालांकि, आयुर्वेदिक उपाय मलेरिया (Malaria) के इलाज में बहुत प्रभावी हो सकते हैं, लेकिन मच्छरों से बचाव के सामान्य उपायों को भी अपनाना चाहिए। मच्छरदानी का उपयोग, मच्छरों को भगाने वाले क्रीम और घरेलू उपायों का प्रयोग करना आवश्यक है, ताकि मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से बचा जा सके।

इन आयुर्वेदिक उपायों और सुरक्षा प्रथाओं को अपनाकर, हम बारिश के मौसम में मलेरिया (Malaria) के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन का आनंद ले सकते हैं।

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