दशकों से सूखे पड़े रामगढ़ बांध के जीर्णोद्धार समारोह के दौरान गुरुवार को आखिर वो घड़ी आ गई जब श्रमदान करने जनसैलाब उमड़ा। न महिलाएं पीछे रहीं और न पुरुष।
जयपुर। दशकों से सूखे पड़े रामगढ़ बांध के जीर्णोद्धार समारोह के दौरान गुरुवार को आखिर वो घड़ी आ गई जब श्रमदान करने जनसैलाब उमड़ा। न महिलाएं पीछे रहीं और न पुरुष। बरसात इस दौरान जैसे अभियान को समर्थन और अपना आशीर्वाद देती नजर आई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी, जयपुर के प्रभारी व संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत और जयपुर शहर व ग्रामीण के सांसद सहित जिले के विधायकों के साथ जयपुर के जमवारामगढ़ में रामगढ़ बांध जीर्णोद्धार समारोह के दौरान श्रमदान कर वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान का शुभारम्भ किया।
समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने समारोह में कहा कि पत्रिका का अमृतं जलम् अभियान एक संकल्प है और संकल्प को रोका नहीं जा सकता। उन्होंने पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूर चन्द्र कुलिश का स्मरण करते हुए कहा कि वे कहते थे संकल्प छोड़ा नहीं जाए तो कार्य अपना रास्ता बना ही लेता है।
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कोठारी ने कहा कि पत्रिका को सामाजिक सरोकारों के लिए जाना जाता है। मध्यप्रदेश का बड़ा तालाब इसका उदाहरण है। आज रामगढ़ बांध को लेकर भागीरथी कार्य हुआ। सरकार के रामगढ़ बांध के जीर्णोद्धार के कार्य में जुड़ने से बहुत बड़ा आश्वासन मिला है। देखा गया है कि सरकार के आश्वासन अक्सर पूरे नहीं होते हैं, लेकिन अब न केवल कदम बढ़ाएं हैं, बल्कि कार्य पूरा होने की दिशा में बढ़ते दिख भी रहे हैं।
कोठारी ने कहा कि रामगढ़ बांध को लेकर हाईकोर्ट के कितने ही आदेश आए, पर वे आदेश न जाने कहां चले गए। चर्चा सिर्फ अतिक्रमण की हुई। हमारे लिए बांध के जीर्णोद्धार का कार्य आसान नहीं था। अब हमें सरकार के रूप में इस कार्य के लिए बड़ा साथी मिल गया है। सभी विधायक लोगों को जागरूक कर उन्हें जोड़ रहे हैं। अब हमें हमारे भीतर बैठे देवता को साक्षी मानकर काम को आगे बढ़ाना है। जल संरक्षण से जनता व सरकार दोनों जुड़े हैं, अब यह कार्य आगे बढ़ना तय है।
कोठारी ने रामगढ़ बांध के जीर्णोद्धार को लेकर कहा कि अभियान में लोगों की तड़प और दर्द छिपा है। कभी बस्सी, चौमूं और बगरू पूरा क्षेत्र चमन था, अब कुएं-बावड़ी सब सूख गए। अफसोस किसी ने चिंता ही नहीं की। इस दौरान दो-दो मुख्यमंत्री रहकर चले गए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस कार्य को आशीर्वाद दिया।