राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं के उठाव व वितरण को लेकर केंद्र सरकार के सामने राज्य सरकार की खूब किरकिरी हो रही है।
राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं के उठाव व वितरण में चल रहे कुप्रबंधन के कारण केंद्र सरकार के सामने राज्य सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। योजना के लिए केंद्र से आवंटित गेहूं का न समय पर उठाव हो रहा है, न ही वितरण। ऐसे में हर महीने हजारों मीट्रिक टन गेहूं लैप्स हो रहा है। विभागीय पोर्टल के अनुसार मई माह में 1 लाख 98 हजार 723 मीट्रिक टन गेहूं का ही उठाव हुआ, जबकि अप्रेल में 2 लाख 30 हजार 735 मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन हुआ था। इससे करीब 32 हजार मीट्रिक टन गेहूं लैप्स हो गया।
4 करोड़ 36 लाख लाभार्थियों के लिए चल रही खाद्य सुरक्षा योजना लेटलतीफी की योजना बनकर सामने आ रही है। तीन महीने से डिपो से राशन की दुकान तक गेहूं का परिवहन पूरी तरह से बेपटरी है। अफसर योजना के संचालन में नाकामी छुपाने के लिए किसी न किसी महीने के लिए केंद्र को उठाव व वितरण की समय सीमा बढ़ाने के लिए पत्र लिखकर सरकार की किरकिरी करा रहे हैं।
अप्रेल में वितरण के लिए मार्च में गेहूं आवंटित किया गया, लेकिन शत-प्रतिशत उठाव नहीं होने से राशन दुकानों पर गेहूं नहीं पहुंचा। ऐसे में करीब 13 हजार मीट्रिक टन गेहूं का वितरण लाभार्थियों को नहीं हो सका। विभाग ने वितरण की तारीख 5 मई तक बढ़ा दी है।