Hybrid Work Culture : राजस्थान की राजधानी जयपुर के ऑफिस वर्किंग कल्चर में एक नया नया Trends चल रहा है। वर्कफ्रॉम होम के बाद अब हाइब्रिड कल्चर सबकी पसंद बना है। जानें हाइब्रिड कल्चर क्या है?
Hybrid Work Culture : ऑफिस वर्किंग कल्चर में लगातार बदलाव आ रहे हैं। कोविड काल में अचानक एक ऐसा Trend चला जिसके बारे में कर्मचारियों ने सोचा भी नहीं था। उस का नाम वर्कफ्रॉम होम था। जीहां, पिछले कुछ साल से ऑफिस वर्किंग कल्चर में काफी नए ट्रेंड्स देखने में आए हैं। वर्कफ्रॉम होम के बाद अब युवा हाइब्रिड वर्क कल्चर में काम करना पसंद कर रहे हैं। राजस्थान की राजधानी पिंकसिटी जयपुर के करीब 35 फीसदी दफ्तरों में कर्मचारियों को हाइब्रिड वर्क कल्चर में काम करने की अनुमति दी जा रही है। इस वर्किंग स्टाइल में कर्मचारी सप्ताह में 2 से 3 दिन घर से और बचे हुए 2 दिन ऑफिस में कार्य कर रहा है। युवाओं का कहना है कि इस तरह की वर्किंग से उन्हें एक्स्ट्रा गतिविधियों के लिए भी समय मिल जाता है और वे अपने अनुसार फ्रीलांसिंग या अपनी रुचि का कार्य भी कर सकते हैं, जिससे उनकी एक्स्ट्रा ग्रोथ भी हो रही है।
मनोरोग विशेषज्ञ रोमा चेलानी का कहना है कि हाइब्रिड कल्चर एक बेहतरीन वर्क कल्चर हैं। इसमें कर्मचारियों को स्ट्रेस कम होता है। जब व्यक्ति को स्ट्रेस कम होगा तो वो बेहतर काम कर सकेंगे। इससे कंपनी की ग्रोथ भी बेहतर होती है।
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वर्क फ्रॉम होम के बाद अब ‘हाइब्रिड कल्चर’ का नया ट्रेंड चल गया है। ‘हाइब्रिड कल्चर’ में कंपनी और कर्मचारी की सहूलियत के हिसाब से काम का मॉडल तय होता है। यानि की हफ्ते में कुछ दिन ऑफिस में काम तो कुछ दिन घर से काम। जेंसलर इंडिया वर्कप्लेस के सर्वे बताता है कि, 3 में से 2 व्यक्ति हाइब्रिड वर्क करना चाहते हैं।
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