राजस्थान के मंत्रियों की 40 लाख रुपये की लग्जरी कारों की खरीद अटकी हुई है। तीन साल पुरानी, लाखों किलोमीटर चल चुकी गाड़ियों में सफर कर रहे मंत्री अब परेशान हैं। सरकार ने 14 करोड़ रुपये की मंजूरी के बाद भी फाइल लौटा दी, जिससे मंत्रियों के नए वाहनों के सपने अधूरे रह गए हैं।
जयपुर। राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद मंत्रियों ने नई गाड़ियों की मांग की थी। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने 40 लाख रुपए की लग्जरी कार खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी। वित्त विभाग ने करीब 14 करोड़ रुपए की सहमति भी दे दी। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन अचानक सरकार ने खरीद की मंजूरी देने की जगह फाइल ही लौटा दी, जिससे करीब डेढ़ साल से लग्जरी कार की सवारी करने की उम्मीद में पुरानी गाड़ी में बैठ रहे मंत्रियों के अरमानों पर पानी फिर गया है।
मौजूदा समय में मंत्रियों को जो गाड़ियां दी गई हैं, वे करीब साढ़े तीन साल पुरानी हैं। ज्यादातर गाड़ियां तीन लाख किलोमीटर से ऊपर चल चुकी हैं। सरकार बनने के कुछ समय बाद ही सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रियों, नेता प्रतिपक्ष, सचेतक, राज्यमंत्रियों के लिए 41 लग्जरी कार खरीदने की फाइल चलाई। इसमें एक गाड़ी राज्यपाल के दिल्ली दौरे के लिए भी शामिल थी। 40 गाड़ियां सफेद और राज्यपाल के लिए काले रंग की गाड़ी खरीदी जानी थी।
मंत्री बार-बार सरकार से नई गाड़ियों की मांग कर रहे हैं। एक राज्यमंत्री ने बताया कि उनकी गाड़ी तो हर 15 दिन में ठीक होने के लिए मोटर गैराज जा रही है। साढ़े तीन लाख किलोमीटर चल चुकी है। वहीं एक कैबिनेट मंत्री तो मुख्यमंत्री को ही अपनी गाड़ी की स्थिति से अवगत करवा चुके हैं।
पिछले दिनों एक मंत्री सवाईमाधोपुर दौरे पर थे तो उनके साथ दो विधायक भी सरकारी गाड़ी में बैठे थे। विधायकों ने गाड़ी की हालत देख यहां तक कह दिया कि इससे तो अच्छा है कि अफसरों को जो गाड़ियां मिली है, वही गाड़ी ले लें। कम से कम गाड़ी चलने के दौरान जो झटके खा रही है। वह तो बंद हो जाएगी। कैबिनेट में शामिल चार मंत्री तो अपनी निजी कारों से ही यात्रा कर रहे हैं।