Rajasthan : मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना पर अपडेट। भजनलाल सरकार ने चार माह में सहायता के नाम पर एक रुपए भी खर्च नहीं किया। योजना का सच जानकर हो जाएंगे हैरान।
Rajasthan : महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना शुरू की, लेकिन इस वित्तीय वर्ष के 4 माह में उद्यम स्थापित करने के लिए एक रुपए की भी सहायता स्वीकृत नहीं की गई। जबकि सरकार ने इस योजना के लिए 30 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है।
महिला अधिकारिता विभाग में मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष तक 40 हजार,700 महिलाओं ने रोजगार शुरू करने या उद्यम को आगे बढ़ाने के लिए आवेदन किया। जिसमें से करीब 4 हजार महिलाओं को लोन स्वीकृत किए गए। इसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिसम्बर तक 60.94 करोड़ रुपए के 825 लोन स्वीकृत किए गए। जबकि इस वित्तीय वर्ष 2025-26 में जुलाई तक इस योजना पर एक रुपए भी खर्च नहीं किया गया।
जानकारों की मानें तो स्वरोजगार शुरू करने के लिए महिलाएं इस योजना में आवेदन तो करती हैं, लेकिन बैंकों से उन्हें लोन नहीं मिल पाता है। इसलिए भी इस योजना का लाभ महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है।
मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना 2020-21 में शुरू हुई। योजना के तहत सरकार महिलाओं को स्वरोजगार के लिए अनुदानयुक्त ऋण उपलब्ध कराती है। इसमें महिलाओं को अधिकतम 50 साल रुपए और स्वयंसहायता समूह के एक कलस्टर को अधिकतम 1 करोड़ रुपए का लोन स्वीकृत किया जाता है, जिसमें कुल लोन पर 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना पहले इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना (IMSUPY) के नाम से जानी जाती थी। नई भजनलाल सरकार ने अन्य योजनाओं के साथ ही इस योजना का नाम भी बदल दिया है। राजस्थान सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए यह योजना शुरू की है।