राज्य सरकार और राजस्थान पत्रिका के ‘अमृतं जलम्’ अभियान की संयुक्त भागीदारी में 5 से 20 जून तक प्रदेश भर में ‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अभियान के पहले दिन गुरुवार को जयपुर के जमवारामगढ़ में रामगढ़ बांध पर मोरी के निकट गोपालगढ़ ग्राम में श्रमदान करेंगे और अमृतं जलम् अभियान कार्यक्रम में शामिल होंगे।
Rajasthan News: राज्य सरकार और राजस्थान पत्रिका के ‘अमृतं जलम्’ अभियान की संयुक्त भागीदारी में 5 से 20 जून तक प्रदेश भर में ‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अभियान के पहले दिन गुरुवार को जयपुर के जमवारामगढ़ में रामगढ़ बांध पर मोरी के निकट गोपालगढ़ ग्राम में श्रमदान करेंगे और अमृतं जलम् अभियान कार्यक्रम में शामिल होंगे।
गंगादशमी और पर्यावरण दिवस के मौके पर इस कार्यक्रम में गैर सरकारी संस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थान, जनप्रतिनिधि, सी.ए, वकील, डॉक्टर, आर्किटेक्ट, धर्मगुरू, व्यापारी, उद्योगपति, पर्यावरणविद् एवं आमजन के साथ ही सरकारी कार्मिक भी भागीदार बनेंगे। बांध पर प्रात: 7 बजे से श्रमदान कार्यक्रम शुरू होगा, जो 11 बजे तक जारी रहेगा।
इसके बाद मुख्यमंत्री जयपुर स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करेंगे। यहां से बूंदी के गोहाटा पहुंचकर रामजल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना) के अंतर्गत निर्मित होने वाले एक्वाडक्ट का निरीक्षण करेंगे। केशोरायपाटन (बूंदी) में चम्बल घाट कार्यक्रम स्थल पर पूजन (गंगा लहरी), चुनरी महोत्सव तथा कलश यात्रा में शामिल होंगे। यहां मंदिर में दर्शन एवं पूजन भी करेंगे। सीएम इसी दिन शाम को भरतपुर पहुंचेंगे। यहां गंगा मदिर में विशेष पूजा एवं महाभोग, कलश यात्रा, प्रसाद एवं गंगाजल वितरण तथा तुलसी पौधा वितरण कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद मंशा माता मन्दिर के पास सुजानगंगा में दीपदान करेंगे।
मंगलवार को जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी एवं जयपुर ग्रामीण एसपी आनंद शर्मा ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ श्रमदान स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान जमवारामगढ़ विधायक महेन्द्र पाल मीना भी मौजूद रहे। कलेक्टर ने कार्यक्रम की रूपरेखा तय करते हुए 25 श्रमदान ब्लॉक बनाने, मुख्य पाल की सफाई और झाड़ियों की कटाई के निर्देश दिए।
कैच दी रैन-2025 के फोकस क्षेत्र जल-जंगल-जन एक प्राकृतिक बंधन अभियान के अन्तर्गत व्यापक वृक्षारोपण, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, जल निकायों का सूचीकरण, जियो-टैगिंग एवं वैज्ञानिक योजनाओं की समीक्षा, जल शक्ति केन्द्रों की स्थापना, जन जागरूकता के कार्य किए जाएंगे।
जिला कलक्टर, स्थानीय विधायक, जल संसाधन विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, वन विभाग और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने मंगलवार को बांध पर निरीक्षण किया। जल संसाधान विभाग की ओर से प्रदेश स्तरीय कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जा रही है। विभाग के अनुसार भूजल की विकट स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार का प्रयास है कि अधिकांश पेयजल परियोजनाओं को सतही जल पर स्थानान्तरित किया जाए। समस्त विभागों की ओर से जल संरक्षण, नदियों को जोड़कर अधिशेष जल का राज्य में उपयोग के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।