BRTS Corridor: राजधानी जयपुर में BRTS (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर को हटाने या न हटाने के लिए प्रस्तावित अध्ययन का काम फिर से शुरू हो गया है।
BRTS Corridor: जयपुर। राजधानी जयपुर में BRTS (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर को हटाने या न हटाने के लिए प्रस्तावित अध्ययन का काम फिर से शुरू हो गया है। केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) इस कॉरिडोर पर विस्तृत अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट अक्टूबर तक जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) को सौंपेगा।
बीआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण वर्ष 2008 में यूपीए सरकार के समय जवाहरलाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 170 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था। इसे सीकर रोड और न्यू सांगानेर रोड पर 7.1 किलोमीटर और 9 किलोमीटर की लंबाई में बनाया गया था। 2010 में इसका संचालन शुरू हुआ, लेकिन समय के साथ, शहरी परिवहन की बसों के साथ अन्य वाहनों के इस कॉरिडोर में प्रवेश करने से इसका उद्देश्य विफल होने लगा।
स्थानीय जन संगठनों ने लंबे समय से इस कॉरिडोर को हटाने की मांग की है। सड़क पर स्थान की कमी और यातायात में वृद्धि के कारण इस कॉरिडोर की आलोचना भी होती रही है।
जेडीए ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की 27 फरवरी को हुई बैठक में बीआरटीएस कॉरिडोर के भविष्य को लेकर फैसला लिया गया था। कॉरिडोर को हटाने या नहीं हटाने के संबंध में किसी एक्सपर्ट एजेंसी से अध्ययन कराने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद जेडीए ने CRRI को अध्ययन करने के लिए पत्र भेजा और मई में CRRI की टीम ने कॉरिडोर का निरीक्षण किया।
हालांकि, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बिना किसी अध्ययन के भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने के फैसले के बाद, जेडीए को राज्य सरकार से संकेत मिले कि जयपुर में भी इसी तरह का निर्णय लिया जा सकता है। इस वजह से अध्ययन पर ब्रेक लगा दिया गया, लेकिन सरकार की ओर से कोई निर्णय न आने के कारण, जेडीए ने CRRI को फिर से अध्ययन शुरू करने के निर्देश दिए हैं।