प्रदेश में विगत दो वर्षों में पर्यटन क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति सामने आई है। वर्ष 2024 में प्रदेश में घरेलू पर्यटकों की संख्या में 28.50 प्रतिशत और विदेशी पर्यटकों की संख्या में 21.92 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
प्रदेश में विगत दो वर्षों में पर्यटन क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति सामने आई है। वर्ष 2024 में प्रदेश में घरेलू पर्यटकों की संख्या में 28.50 प्रतिशत और विदेशी पर्यटकों की संख्या में 21.92 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं वर्ष 2025 में अगस्त तक, पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में पर्यटक यात्राओं में 11.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वर्ष 2024 की पर्यटक यात्राओं के आधार पर राजस्थान को देश में पांचवां स्थान प्राप्त हुआ। पर्यटन के विविध आयामों को विकसित करने के उद्देश्य से हैरिटेज, धार्मिक, ग्रामीण, एडवेंचर और ईको टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पर्यटन स्थलों के विकास, पर्यटकों की सुविधाओं के विस्तार और ब्रांडिंग के लिए पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य प्रस्तावित हैं। इसके लिए राजस्थान टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कैपेसिटी बिल्डिंग फंड का गठन किया गया है। पर्यटन क्षेत्र में निवेश और रोजगार सृजन को गति देने के लिए चार दिसंबर 2024 से राजस्थान पर्यटन इकाई नीति लागू की गई है। इससे पर्यटन को उद्योग के रूप में बढ़ावा मिला है और निजी क्षेत्र में नई पर्यटन इकाइयों की स्थापना के साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
राज्य के गौरवशाली इतिहास और जनजातीय संस्कृति को सहेजने के लिए महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट और ट्राइबल टूरिस्ट सर्किट को सौ-सौ करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जा रहा है। धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में खाटूश्यामजी, पुष्कर, नाथद्वारा, महावीरजी और गलता तीर्थ को जोड़ते हुए समग्र सर्किट विकसित किया जा रहा है। स्वदेश दर्शन 2.0 और प्रसाद 2.0 योजनाओं के तहत अनेक धार्मिक स्थलों पर विकास कार्य जारी हैं।
हेरिटेज संरक्षण की दिशा में शेखावाटी हवेली संरक्षण योजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत झुंझुनूं, सीकर और चूरू जिलों की 662 हवेलियों को संरक्षण के लिए चिह्नित किया गया है। अब तक 62 नई हेरिटेज संपत्तियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए हैं। जैसलमेर में बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए तनोट माता मंदिर क्षेत्र में विकास कार्य प्रगति पर हैं। फिल्म पर्यटन और डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा मिलने से राजस्थान को वैश्विक पहचान मिली है। वर्ष 2024 और 2025 में फिल्मांकन, डॉक्यूमेंट्री और विज्ञापन शूटिंग के लिए 86 अनुमतियां जारी की गईं। जयपुर में आईफा अवार्ड समारोह और वेड इन इंडिया एक्सपो के आयोजन से प्रदेश अंतरराष्ट्रीय मंच पर उभरा है।
पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 1,075 लपकों पर कार्रवाई की गई। प्रमुख पर्यटन स्थलों पर ऑनलाइन फीडबैक व्यवस्था भी शुरू की गई है। पंच गौरव योजना के माध्यम से जिलों की विशिष्ट पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की दिशा में भी ठोस पहल की गई है।