जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग का जो स्वरूप पिछले कई दशकों से छिप गया था, वह एक बार फिर से स्थानीय बाशिंदों व सैलानियों के सामने आने वाला है।
जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग का जो स्वरूप पिछले कई दशकों से छिप गया था, वह एक बार फिर से स्थानीय बाशिंदों व सैलानियों के सामने आने वाला है। दुर्ग के प्रवेश द्वार यानी अखे प्रोल के आगे से चुग्गाघर को हटा दिए जाने से प्रोल के द्वार के दोनों तरफ के गोलाकार उभार साफ दिखने लगे हैं। ऐसे में एक तो दुर्ग के बाहर की जगह खाली हुई है और दूसरा, मौलिक स्वरूप नजर आने लगा है। वर्तमान में इस जगह पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से लगाया गया राष्ट्रीय ध्वज है। उसे स्थानांतरित करने के लिए नगरपरिषद की तरफ से पुरातत्व विभाग को पत्र लिखा गया है। विभाग की मंजूरी मिलने के बाद ध्वज को यहां से हटा कर अन्यत्र लगाया जाएगा। संभवत: दुर्ग के भीतर बाएं भाग में खुले क्षेत्र में ध्वज स्थापित करवाया जा सकता है। उसकी अगली कड़ी में दुर्ग के मुख्य द्वार के ठीक आगे स्थित टैक्सी स्टैंड को यहां से हटवाया जाना है। यह स्टैंड किला पार्किंग क्षेत्र में स्थानांतरित किया जा सकता है। दरअसल, स्टैंड होने से यहां प्रत्येक समय टैक्सियां खड़ी रहती हैं। पर्यटकों के सीजन के समय तो टैक्सियों का जमघट होने से दुर्ग का प्रवेश द्वार ही छुप जाता है। जिला व पुलिस प्रशासन के पास टैक्सी स्टैंड की वजह से सैलानियों व स्थानीय बाशिंदों को आने वाली परेशानियों की शिकायतें रोज-ब-रोज पहुंचती रही हैं। जानकारी के अनुसार इसके चलते प्रशासन ने अव्यवस्थाओं की जड़ के रूप में स्टैंड को ही दुर्ग के बाहर से हटाने का निर्णय लिया है।
दुर्ग से सटे गोपा चौक में खुलापन लाने के लिए वहां स्थापित सब्जी मंडी को थोड़ी दूर शिव मार्ग पर स्थानांतरित करने की योजना में देरी हो रही है। जानकारी के अनुसार जिस जगह पर सब्जी मंडी स्थापित करना प्रस्तावित है, वहां डिस्कॉम की डीपी लगी है। उसे थोड़ी दूरी पर स्थानांतरित करने के लिए चौकी का निर्माण करवा दिया गया है डीपी स्थानांतरित करने के बाद नगरपरिषद की तरफ से ही सब्जी विक्रेताओं के लिए आधारभूत ढांचे का निर्माण करवाया जाना है। नगरपरिषद आयुक्त लजपालसिंह सोढ़ा ने बताया कि डीपी के स्थान परिवर्तन के लिए डिस्कॉम में नियमानुसार राशि जमा करवा दी गई है। जैसे ही यह काम होगा, यहां गोपा चौक से सब्जी मंडी को स्थापित करवा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दुर्ग की अखे प्रोल के आगे लगे ध्वज को स्थानांतरित करवाने के लिए भी एएसआइ को लिखा गया है।