राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 300 करोड़ रुपए का बजट का प्रावधान किया है।
गरीबी उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेश सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना के तहत गरीबों का उत्थान करेगी। जिसके लिए करौली जिले सहित प्रदेश के 41 जिलों में प्रदेश सरकार ने योजना में करौली जिले के 122 गांवों का चयन किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बीपीएल गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक स्तर पर सशक्त बनाना है। ताकि वे गरीबी से मुक्त होकर अपना विकास कर सके।
राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 300 करोड़ रुपए का बजट का प्रावधान किया है। योजना के तहत प्रत्येक बीपीएल परिवार को 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह राशि परिवारों को स्वरोजगार प्राप्त करने, व्यवसाय स्थापित करने या जीवन यापन के अन्य कार्यों में मदद करेगी।
इस योजना का क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। पहले चरण में प्रदेश के 5 हजार गांवों को शामिल किया गया है। इनमें से 122 गांव करौली जिले के हैं। इन गांवों में चयनित प्रत्येक छात्र परिवार को आर्थिक मदद के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, आवास व रोजगार के अवसरों को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। साथ ही पांच से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों का स्कूल में नामांकन सुनिश्चित किया जाएगा। ताकि उनका शैक्षिक स्तर भी मजबूत हो सके।
जिले में गरीबी उन्मूलन अभियान के तहत गरीबों के उत्थान के लिए सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत 122 गांवों का चयन किया है। उपखंड अधिकारी के निर्देशन में चयनित गांवों में कमेटी द्वारा सर्वे किया जा रहा है। पात्र परिवार सरकार की ओर से संचालित योजनाओं में वंचित हैं तो उन्हें प्राथमिकता से लाभान्वित किया जाएगा।
-ऋषिराज मीणा, विकास अधिकारी, पंचायत समिति, नादौती
जिले के सात पंचायत समितियों करौली, हिंडौन सिटी, टोडाभीम, नादौती, मासलपुर, मंडरायल, सपोटरा क्षेत्रों के 122 गांवों का चयन किया है। इनमें 921 बीपीएल परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इन परिवारों को सरकार की ओर से एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। जिससे वे स्वरोजगार शुरू कर अपने आर्थिक स्थिति को सदृढ़ कर सकेंगे। नादौती तहसील में तालचिड़ा पंचायत के रामधनकापुरा व खोहरी, जीतकीपुर पंचायत के पालड़ी, तैसगांव की ककड़ा की ढाणी को चयनित किया गया है।