CG Coal Mines Incident: खदानों में हो रहे हादसे अब सड़क हादसों को भी पीछे छोड़ रहे है। हर महीने मौत तो गंभीर हादसे से लोगों में दहशत का माहौल बना रहता है। इसे लेकर खदान के मालिक ने कोल कर्मियों के लिए कोई सुरक्षा नहीं दी गई है।
Chhattisgarh Coal Mines Incident: खदानों में कोल कर्मियों की सुरक्षा के लिए खान अधिनियम 1952 के तहत उपाए करने होते हैं। खदानों के भीतर हादसे के कारण, खान प्रबंधन को बेहतर बनाने, अस्थायी अवरोधों पर ध्यान देने के लिए हर साल बजट जारी किए जाते हैं।
एसईसीएल की ओपन और अंडरग्राउंड कुल 65 खदानें हैं। खदानों में हादसे कम करने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं वे काफी नहीं है। बार-बार चूक हो रही है। जहां भारी वाहनों की एंट्री नहीं होनी चाहिए, वहां पर भारी वाहनों से हादसे हो रहे हैं। करोड़ों की महंगी मशीनों को नुकसान पहुंच रहा है। पहले की तुलना में फंड में कमी के चलते ये हादसे बढ़ रहे हैं।
कोयला कंपनी खदान में होने वाली दुर्घटना को की रोकथाम को लेकर गंभीर नहीं है। सेफ्टी फंड में कोल इंडिया द्वारा कटौती की जा रही है। इस वजह से खदानों में लगातार हादसे बढ़ रहे हैं। बीते छह वर्षों में खदानों में 80 से अधिक हादसे हुए और 50 लोगों की जानें चली गई।
समय-समय पर सुरक्षा समिति की बैठक में खदानों में होने वाली दुर्घटना का मामला उठता रहा है। इसकी रोकथाम को लेकर प्रबंधन की ओर से हर बार आश्वासन दिया गया है। लेकिन आंकड़े सच्चाई बता रहे हैं।