लोकसभा चुनाव 2024 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का प्रदेश में खाता नहीं खुला, और लखनऊ में भी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा और लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट पर भी बसपा प्रत्याशियों को भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा।
लोकसभा चुनाव 2024 में बहुजन समाज पार्टी का पूरे प्रदेश में खाता नहीं खुला, वहीं लखनऊ में भी बसपा का सूपड़ा साफ हो गया। पार्टी के किसी बड़े पदाधिकारी द्वारा प्रत्याशियों के प्रचार और नामांकन तक में न आने से प्रत्याशियों में पहले से ही निराशा थी।
लखनऊ लोकसभा 35 और मोहनलालगंज लोकसभा के साथ उपचुनाव के प्रत्याशी अपने दम पर पूरी मेहनत कर रहे थे, लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं का समर्थन न होने की निराशा साफ नजर आ रही थी। हालत यह रही कि नामांकन के दौरान भी प्रत्याशियों के साथ गिनती के लोग ही पहुंचे। एमएलसी बी.आर. अम्बेडकर, बसपा कोऑर्डिनेटर मेवालाल गौतम, और जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र गौतम के अलावा पार्टी ने कोई स्टार प्रचारक तक नहीं भेजा। जाहिर सी बात है कि जब पार्टी कार्यकर्ताओं में इतनी निराशा थी, तो वोटर किस आशा के साथ पार्टी से जुड़ा रहता। लखनऊ लोकसभा-35 के प्रत्याशी मो. सरवर मलिक को मात्र 29,986 वोट मिले, जबकि मोहनलालगंज लोकसभा के प्रत्याशी राजेश कुमार को 88,461 वोट मिले। उपचुनाव के प्रत्याशी आलोक कुशवाहा को 8,323 वोट ही मिले।
2019 लोकसभा चुनाव में भी सपा के साथ गठबंधन के बाद भी बसपा कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। लोकसभा चुनाव 2019 में राजनाथ सिंह ने सपा की पूनम सिन्हा को हराकर जीत दर्ज की थी। सपा ने बॉलीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा था। राजनाथ सिंह को 6,33,026 वोट मिले थे, जबकि पूनम सिन्हा को 2,85,724 वोट मिले थे। कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णम तीसरे स्थान पर रहे थे, उन्हें 1,80,011 वोट मिले थे। वर्ष 2019 में चुनाव सपा-बसपा ने मिलकर लड़ा था।