Smart City India: स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की राष्ट्रीय रैंकिंग में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने ऐतिहासिक छलांग लगाते हुए देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर बनने का गौरव हासिल किया है। इसके अलावा प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा और नोएडा को भी अलग-अलग श्रेणियों में सम्मान मिला है।
Swachh City Honour 2024 : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वच्छता के क्षेत्र में देश भर में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इससे पहले लखनऊ 2023 में 44 वें स्थान पर था, लेकिन इस बार नगर निगम, प्रशासन और आम नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से यह शहर देश के शीर्ष 3 स्वच्छ शहरों में शामिल हो गया है। स्वच्छता में इस उत्कृष्ट उपलब्धि पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 17 जुलाई को लखनऊ को सम्मानित करेंगी। इसी दिन सभी विजेता शहरों की औपचारिक घोषणा राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में की जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए पत्र के अनुसार लखनऊ के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए यह शहर राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करेगा। लखनऊ नगर निगम के मेयर, नगर आयुक्त, नगर विकास मंत्री एके शर्मा और प्रमुख सचिव अमृत अभिजात पुरस्कार लेने दिल्ली जाएंगे।
1.सार्वजनिक स्थानों की सफाई: लखनऊ नगर निगम ने पिछले एक साल में प्रमुख बाजारों, अस्पतालों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थलों की नियमित सफाई कराई।
2.कचरा निस्तारण में सुधार: शहर में कचरे को गीले और सूखे में अलग-अलग करके एकत्र किया गया। डोर-टू-डोर कलेक्शन व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से जोड़ा गया।
3.नागरिक सहभागिता: आम नागरिकों को सफाई में शामिल करने के लिए कई अभियान चलाए गए जैसे "स्वच्छता ही सेवा", "हर रविवार सफाई के नाम"।
4.तकनीकी निगरानी: नगर निगम ने जीपीएस सिस्टम से युक्त कचरा वाहनों, ऑनलाइन मॉनिटरिंग और फीडबैक सिस्टम के माध्यम से सफाई अभियान को ट्रैक किया।
5.खुले में शौच मुक्त: लखनऊ पूरी तरह ओडीएफ (Open Defecation Free) घोषित हो चुका है, जो कि रैंकिंग में बड़ा पॉजिटिव पॉइंट बना।
2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हुआ, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु आए। इतने विशाल आयोजन के बावजूद प्रशासन ने बेहतरीन सफाई व्यवस्था बनाए रखी। घाटों की साफ-सफाई, पब्लिक टॉयलेट की सुविधा और कचरे के तुरंत निस्तारण जैसी व्यवस्थाओं की देश ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई।
गोरखपुर नगर निगम ने न सिर्फ सफाई के पारंपरिक तरीकों को अपनाया, बल्कि डिजिटल तकनीक का भी इस्तेमाल किया। शहर में प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाया गया। नागरिकों को ज़िम्मेदारी का बोध कराया गया। इसलिए इस शहर को मिनिस्ट्रीयल अवार्ड दिया जा रहा है।
नोएडा ने आवासीय कॉलोनियों, अपार्टमेंट्स और ऑफिस क्षेत्रों में सफाई की बेहतरीन व्यवस्था की, जिससे इसे आबादी के अनुसार उपयुक्त श्रेणी में सम्मान मिला।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के राष्ट्रीय परिणामों के अनुसार ,अहमदाबाद देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। भोपाल, जो पिछले साल पांचवें स्थान पर था, इस बार दूसरे स्थान पर आ गया है। लखनऊ ने तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई।
यह बदलाव दर्शाता है कि लगातार प्रयासों और सामूहिक भागीदारी से किसी भी शहर को साफ और सुंदर बनाया जा सकता है।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि “यह केवल शुरुआत है। अब हमारा लक्ष्य पहला स्थान हासिल करना है। सभी नगर निगमों को यह मॉडल अपनाकर कार्य करना चाहिए।” राज्य सरकार अब अन्य जिलों में भी लखनऊ मॉडल लागू करने की योजना बना रही है, जिसमें: