लखनऊ

UP में बड़ी रियायत: अब आवासीय भूखंडों पर खुलेंगी दुकानें, गांवों में भी लगेंगे उद्योग

UP Urban Development: उत्तर प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण उपविधियों में बड़ा बदलाव करते हुए आवासीय भूखंडों पर दुकानों की अनुमति दे दी है। अब 24 मीटर से चौड़ी सड़कों पर दुकानें और 45 मीटर से चौड़ी सड़कों पर गगनचुंबी इमारतें बन सकेंगी। गांवों में भी उद्योग स्थापित करना आसान होगा।

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Apr 17, 2025
सरकार का बड़ा कदम, आवासीय जमीन पर कारोबार को मिलेगी मंजूरी; 45 मीटर चौड़ी सड़कों पर बनेंगी गगनचुंबी इमारतें, ग्रामीण क्षेत्रों में 7 मीटर सड़क पर उद्योगों की भी इजाजत

UP Government Rule: उत्तर प्रदेश में शहरों और गांवों की सूरत बदलने वाली है। प्रदेश सरकार भवन निर्माण और शहरी विकास से जुड़ी उपविधियों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित आवासीय भूखंडों पर दुकान खोलने की मंजूरी दी जाएगी। यही नहीं, 45 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर गगनचुंबी इमारतों का निर्माण भी संभव होगा। गांवों में भी अब 7 मीटर चौड़े मार्ग पर उद्योग लगाए जा सकेंगे। यह बदलाव सिर्फ निर्माण नहीं, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को गति देने और शहरीकरण के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने की दिशा में उठाया गया ठोस कदम है।

क्या है मुख्य बदलाव

  • 24 मीटर चौड़ी सड़क: ऐसे आवासीय भूखंडों पर अब दुकानें, कार्यालय और व्यावसायिक गतिविधियां चलाना होगा आसान।
  • 45 मीटर चौड़ी सड़क: गगनचुंबी (हाईराइज़) बिल्डिंगों का निर्माण संभव होगा, जिससे शहरी क्षेत्रों में फ्लैट्स और कार्यालय स्पेस की कमी दूर होगी।
  • गांवों में बदलाव: अब 7 मीटर चौड़ी सड़कों पर भी उद्योग लगाए जा सकेंगे। ग्रामीण युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा।
  • भू-आच्छादन व एफएआर में राहत: ज्यादा निर्माण की अनुमति मिलेगी, जबकि सेटबैक की शर्तें नरम की जाएंगी।
  • नया नियम “भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025”: 2008 की पुरानी उपविधि को हटाकर जनसंख्या और शहरीकरण के मुताबिक नए नियम लाए जा रहे हैं।

क्यों है यह बदलाव जरूरी

उत्तर प्रदेश की तेजी से बढ़ती आबादी और सीमित जमीन की चुनौतियों को देखते हुए कम स्थान में अधिक और बहु-उपयोगी निर्माण की जरूरत है। इससे न सिर्फ हाउसिंग की जरूरतें पूरी होंगी बल्कि स्थानीय स्तर पर व्यापार, स्टार्टअप्स और छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।

सरकार ने मांगे सुझाव

इस मसौदे को लागू करने से पहले आम नागरिकों, इंजीनियरों, आर्किटेक्ट्स और योजनाकारों से सुझाव मांगे गए हैं। कोई भी व्यक्ति मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक को 15 दिनों के भीतर अपने लिखित सुझाव भेज सकता है। इसके बाद अंतिम प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा और मंजूरी के बाद यह नियम पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगा।

क्या होगा असर

  • शहरी क्षेत्रों में जमीन का बेहतर उपयोग
  • हाउसिंग सेक्टर को मिलेगा बूस्ट
  • गांवों में उद्यमिता को बढ़ावा
  • रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में इजाफा
  • सरकारी राजस्व में वृद्धि
  • नजर डालिए कुछ संभावित उदाहरणों पर
  • लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों में अब हाईराइज बिल्डिंग्स के लिए जमीन की जरूरत कम होगी।
  • गोरखपुर, वाराणसी और मेरठ जैसे कस्बों में स्थानीय दुकानदारों को आसानी से लाइसेंस मिल सकेगा।
  • बरेली, अयोध्या और प्रयागराज जैसे जिलों के गांवों में युवाओं को छोटे स्तर पर उद्योग स्थापित करने की सुविधा मिलेगी।


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