1 जून से 23 जून तक जिले में कुल 63.38 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो इस अवधि के औसत 30.15 मिमी से 110.19% ज्यादा है। यह आंकड़े इस बार के मानसून की जबरदस्त सक्रियता को दर्शा रहे हैं।
राजस्थान में इस साल मानसून ने समय से पहले दस्तक दी है और इसका असर नागौर जिले में साफ नजर आ रहा है। मानसून की मेहरबानी से जिले में अब तक सामान्य से कहीं अधिक वर्षा दर्ज की गई है। 1 जून से 23 जून तक जिले में कुल 63.38 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो इस अवधि के औसत 30.15 मिमी से 110.19% ज्यादा है। यह आंकड़े इस बार के मानसून की जबरदस्त सक्रियता को दर्शा रहे हैं।
पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो 23 जून 2024 तक जिले में केवल 5.78 मिमी बारिश हुई थी। ऐसे में इस साल की बारिश को देखकर साफ कहा जा सकता है कि मानसून इस बार कहीं ज्यादा सक्रिय और मेहरबान है। अब तक हुई बारिश से जिले की सालाना औसत वर्षा का करीब 17.5 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है। नागौर जिले में सालाना औसत वर्षा 363.27 मिमी मानी जाती है।
जिले में सोमवार को बादल मेहरबान रहे और दिनभर रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला चलता रहा। शाम 5:30 बजे तक 1.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई। खेतों में हल्की नमी और मौसम में ठंडक बनी रही। लगातार हो रही बारिश ने तापमान में भी गिरावट दर्ज करवाई है, जिससे आमजन को गर्मी से राहत मिली है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार दिन नागौर जिले में बारिश की संभावना बनी रहेगी। खासकर मंगलवार को भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है। विभाग ने 27 जून तक वर्षा के जारी रहने का अनुमान जताया है और अगले चार दिन के लिए 'यलो अलर्ट' जारी किया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि जिले में अगले कुछ दिन तक बादल छाए रहेंगे और कई स्थानों पर मध्यम से तेज बारिश हो सकती है।
लगातार हो रही बारिश से जिले के जल स्रोतों जैसे तालाब, कुएं और बोरवेल के जलस्तर में भी धीरे-धीरे सुधार की संभावना है। हालांकि अभी तक जलभराव जैसी स्थिति नहीं बनी है, लेकिन अगर यही सिलसिला जारी रहा तो आगामी दिनों में जलसंकट से जूझ रहे इलाकों को भी राहत मिल सकती है।