Dancing Girl Replica: दिल्ली के नेशनल म्यूजियम से 'डांसिंग गर्ल' की ब्रॉन्ज रेप्लिका चोरी, क्यूरेटर प्रोफेसर डॉ. अजय वर्मा गिरफ्तार। पुलिस ने रेप्लिका और अन्य मूल्यवान आर्टिफैक्ट्स बरामद किए।
भारत के सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक माने जाने वाली 'डांसिंग गर्ल' की मूल कांस्य मूर्ति तो सुरक्षित है, लेकिन दिल्ली के नेशनल म्यूजियम से उसकी एक मूल्यवान रेप्लिका के चोरी होने से हलचल मच गई है। पुलिस ने इस सनसनीखेज घटना में एक प्रमुख प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया है, जो म्यूजियम के क्यूरेटर के रूप में कार्यरत था। यह चोरी न केवल म्यूजियम की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सांस्कृतिक संपदा की हिफाजत पर भी गंभीर चिंता जताती है।
सोमवार रात को म्यूजियम के स्टोर रूम से 'डांसिंग गर्ल' की ब्रॉन्ज रेप्लिका (लगभग 1925 ईसा पूर्व की मूल मूर्ति की नकल, जो इंडस वैली सिविलाइजेशन का प्रतीक है) गायब होने की जानकारी मिली। यह रेप्लिका मूल मूर्ति की तरह ही बारीक नक्काशी वाली थी और शैक्षिक प्रदर्शनियों के लिए इस्तेमाल होती थी। म्यूजियम के स्टाफ़ को मंगलवार सुबह चैकिंग के दौरान इसके ग़ायब होने का पता चला, जिसके बाद तुरंत दिल्ली पुलिस को सूचना दी गई।
सीसीटीवी फुटेज और फिंगरप्रिंट जांच से संदेह एक ही व्यक्ति पर केंद्रित हो गया। गिरफ्तार आरोपी का नाम डॉ. अजय वर्मा बताया जा रहा है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े एक प्रोफेसर हैं और नेशनल म्यूजियम में कंसल्टेंट क्यूरेटर के तौर पर काम करते थे। पुलिस के अनुसार, वर्मा ने म्यूजियम के अंदरूनी रास्तों का फायदा उठाकर रेप्लिका को चुराया और उसे बाहर निकालने के लिए एक फर्जी 'रिसर्च ट्रांसफर' का बहाना बनाया। चोरी का मकसद ब्लैक मार्केट में बेचना या निजी कलेक्शन के लिए रखना माना जा रहा है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मंगलवार शाम को आरोपी को उसके नोएडा स्थित आवास से दबोच लिया। पूछताछ में वर्मा ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने उसके पास से रेप्लिका के अलावा कुछ अन्य पुरातात्विक आर्टिफैक्ट्स भी बरामद किए हैं, जिनकी वैल्यू करोड़ों में आंकी जा रही है। वर्मा के दो सहयोगियों की तलाश जारी है, जो कथित तौर पर चोरी के नेटवर्क से जुड़े हैं।