-गोकशी पर दो लाख व साइबर ठगी की तो भरना पड़ेगा 51 हजार रुपए का जुर्माना -गांव पालड़ी में साइबर ठगी और गौ तस्करी को लेकर पंचायत -आरोपी की जानकारी देने वाले को 21 हजार रुपए का इनाम
मेवात क्षेत्र में ऑनलाइन साइबर ठगी का देश-विदेशों तक लगे दाग को मिटाने के लिए पुलिस प्रशासन के साथ-साथ अब ग्रामीण भी सामने आने लगे है। रविवार को कामां थाने के गांव पालड़ी में ऑनलाइन साइबर ठगी, गौतस्करी व गोकशी को रोकने के लिए तीन गांवों के ग्रामीणों की संयुक्त पंचायत सतवास के सरपंच बृजलाल फौजी व पूर्व सरपंच आसू खान की मौजूदगी में हुई। इस पंचायत में साइबर ठगी और गौतस्करी करने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने का भी एलान किया गया। इसमें ग्रामीणों की 15 सदस्यों की निगरानी कमेटी भी बनाई गई।
पंचायत की अध्यक्षता कर रहे ब्रजलाल फौजी ने पालड़ी गांव में साइबर ठगी और गौतस्करी को रोकने के लिए पंचायत की गई। पंचायत में पालड़ी, सतवास, कनवाड़ी गांव के ग्रामीण शामिल हुए। साइबर ठगी और गौ तस्करी को रोकने के लिए लोगों से समझाइश की गई। युवाओं को समझाया गया। वह पढ़ाई में अपना ध्यान लगाएं। साथ ही अपना भविष्य बनाएं। समझाइश के बाद सभी लोग गौ तस्करी और साइबर ठगी को रोकने के लिए तैयार हुए। पंचायत के दौरान एक 15 व्यक्तियों की निगरानी कमेटी बनाई गई। जो साइबर ठगी और गौ तस्करी करने वाले लोगों पर ध्यान रखेगी। साथ ही उनकी सूचना पुलिस तक पहुंचाएंगी। एएसपी महेश मीणा ने बताया कि गांव पालड़ी में आयोजित इस पंचायत में यह निर्णय लिया गया कि जो भी ग्रामीण साइबर ठगी करने वाले आरोपियों की जानकारी देगा उसे गांव की कमेटी ओर से 21 हजार का इनाम दिया जाएगा। साथ ही तीनों गांव में जो भी व्यक्ति गौ तस्करी या गोकशी करेगा उस पर पंचायत की ओर से 2 लाख का जुर्माना वसूला जाएगा। जो भी व्यक्ति साइबर ठगी करते हुए पकड़ा गया तो उससे 51 हजार का जुर्माना वसूल किया जाएगा। तीनों गांव में से किसी भी व्यक्ति का गौ तस्करी, गोकशी और साइबर ठगी में नाम आता है तो उसे गांव के लोग ही पुलिस के हवाले करेंगे। अगर किसी भी साइबर ठग की मोबाइल लोकेशन गांव में मिलती है तो ग्रामीण उस साइबर ठग को पकड़ कर पुलिस के हवाले करेगी।
मेवात में रंग ला रही पहल
पिछले करीब एक वर्ष से मेवात के गांवों में इस तरह की पंचायत की जा रही है। पुलिस व ग्रामीण संयुक्त रूप से ऐसी पंचायत कर जुर्माना राशि तय कर रहे हैं। इसके अलावा इस पहल से मेवात के गांवों में कुछ हद तक सुधार भी हुआ है।