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कलेक्ट्रेट परिसर में किसान ने फैलाया मूंगफली दाना, बोले कहां करें बुवाई?

शिवपुरी. कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार को ट्रैक्टर ट्रॉली में मूंगफली के कट्टे लेकर आए किसान ने तथा उसने एक कट्टा खोलकर मूंगफली गेट के सामने फैला दी। पीडि़त किसान का कहना था कि मेरी खाते की जमीन को रेंजर ने वन भूमि की बताकर उसमें बोबनी करवा दी तो अब मैं अपनी मूंगफली कहां पर बोऊं।

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शिवपुरी. कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार को ट्रैक्टर ट्रॉली में मूंगफली के कट्टे लेकर आए किसान ने तथा उसने एक कट्टा खोलकर मूंगफली गेट के सामने फैला दी। पीडि़त किसान का कहना था कि मेरी खाते की जमीन को रेंजर ने वन भूमि की बताकर उसमें बोबनी करवा दी तो अब मैं अपनी मूंगफली कहां पर बोऊं। मौके पर आए तहसीलदार शिवपुरी ने किसान को भरोसा दिलाया कि हम तत्काल फोरेस्ट व राजस्व की संयुक्त टीम बनवाकर जमीन की जांच करवा लेते हैं।

मूंगफली की खेती करवा दी

पिछोर अनुविभाग के ऊमरीकलां गांव में रहने वाले जगत सिंह लोधी ने बताया कि उसकी 14 बीघा जमीन फोरेस्ट की जमीन से लगी हुई है, तथा उसने पिछले वर्ष उसका सीमांकन भी कराया था। उसकी जमीन का रास्ता फोरेस्ट की जमीन से होकर जाता है। उधर हर साल की तरह इस बार भी फोरेस्ट की आसपुर वीट की सैकड़ों बीधा वन भूमि अवैध रूप से जुतवाकर उसमें बोबनी कनवाई जा रही है। जंगल की जमीन में वन परिक्षेत्राधिकारी अनुराग तिवारी द्वारा, उप वन परिक्षेत्राधिकारी मनोज जाटव एवं वीट गार्ड वीरेन्द्र कोली के सहयोग से मूंगफली की खेती करवा दी गई है। वन भूमि पर हो रही इस अवैध खेती के फेर में वन अधिकारियों ने कृषक जगत सिंह की 14 बीघा जमीन पर भी मूंगफली की बुबाई करवा दी है।

मूंगफली का बीज खरीदा था, वह भी खराब होगा

जब किसान अपने खेत पर मूंगफली का बीज लेकर बुबाई करने पहुंचा तो उसे खेत पर जाने से रुकवा दिया गया। ऐसे में उसने अपने खेत के लिए जो मूंगफली का बीज खरीदा था, वह भी खराब होगा, साथ उसकी जमीन पर फोरेस्ट के रेंजर द्वारा कब्जा करवा दिया गया। इसकी शिकायत लेकर आज वह कलेक्ट्रेट आया हुआ था, लेकिन यहां भी खानापूर्ति की गई। जिसके चलते उसने अपने खेत में मूंगफली के बीज को फेंकना उचित समझा।

सभी आरोप बेबुनियाद

इस मामले वन परिक्षेत्राधिकारी अनुराग तिवारी का कहना हैं कि जगत सिंह लोधी की जमीन राजस्व भूमि में हैं उसकी जमीन पर किसी ग्रामीण ने कब्जा किया हुआ हैं। इससे वन विभाग का कोई लेना देना नहीं है। जगत सिंह लोधी वन भूमि से रास्ता चाह रहा है, उसे वन भूमि से रास्ता नहीं दिया गया था। जबकि राजस्व की जमीन में उसका पुराना रास्ता हैं। किसान द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

Published on:
16 Jul 2024 11:48 pm
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