पीलीबंगा थाना क्षेत्र के गांव कालीबंगा की वारदात, पुलिस जुटी वारदात की पड़ताल में, कई संदिग्ध व्यक्ति को पुलिस ने किया राउंड अप, की जा रही पूछताछ
हनुमानगढ़. जिले के पीलीबंगा थाना क्षेत्र के गांव कालीबंगा में सोमवार रात धारदार हथियारों से हमला कर युवक की हत्या कर दी गई। मृतक युवक कुछ दिन पहले ही एक युवती को भगाकर ले गया था। ऐसे में हत्या की इस वारदात को उस घटना से जोडकऱ देखा जा रहा है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। कई संदिग्ध व्यक्तियों को पुलिस ने राउंडअप कर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार सोमवार रात करीब साढ़े दस बजे 18 वर्षीय हरप्रीत सिंह पुत्र सुखा सिंह निवासी कालीबंगा पर उसके गांव में ही हमला कर दिया गया। उसके सिर और चेहरे पर धारदार हथियारों से वार किए गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तथा गंभीर हालत में युवक को एंबुलेंस से राजकीय चिकित्सालय पीलीबंगा पहुंचाया। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीण सूत्रों के अनुसार मृतक युवक आपराधिक प्रवृत्ति का था और कुछ दिन पहले ही वह एक युवती को भगाकर ले जाने की घटना में शामिल था। हत्या की सूचना पर थाना प्रभारी अशोक बिश्नोई व पुलिस उपाधीक्षक हंसराज बैरवा मय टीम मौके पर पहुंचे तथा घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को राउंडअप कर पूछताछ शुरू कर दी है।
हनुमानगढ़. नाबालिग लडक़ी से दुष्कर्म के मामले में विशिष्ट न्यायालय पोक्सो प्रकरण ने एक जने को दोषी करार दिया। उसे 20 साल कारावास तथा कुल 75 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सह आरोपी को न्यायालय ने दोष मुक्त कर दिया। राज्य की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक सम्पतलाल गुप्ता ने पैरवी की।
प्रकरण के अनुसार सात जुलाई 2018 को महिला थाने में एक जने ने मामला दर्ज कराया था कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री का विद्यालय जाते समय आरोपी सत्यप्रकाश उर्फ सत्या (33) पुत्र धर्मेन्द्र सिंह उर्फ बुटिया निवासी सुरेशिया, जंक्शन पीछा कर छेड़छाड़ करता था। एक दिन पुत्री घर में अकेली थी तो आरोपी अपने मित्र के साथ घर आ गया। दुष्कर्म कर वीडियो व फोटो ले ली। घटना की जानकारी किसी को देने पर परिवार को मारने तथा फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी दी। आरोपी ने पीडि़ता को मोबाइल फोन देकर बात करने का दबाव बनाया। उसे बहलाकर कई जगह ले गया तथा दुष्कर्म किया। आरोपी से तंग होकर जब पीडि़ता ने हिम्मत कर परिजनों को आपबीती बताई तो मामला सामने आया। पुलिस ने आरोपों के आधार पर मामला दर्ज कर चालान पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने 11 गवाह परीक्षित कराए तथा 17 दस्तावेज प्रदर्शित कराए। सुनवाई के बाद न्यायालय ने सह आरोपी सुखविन्द्र सिंह निवासी सुरेशिया को बरी कर दिया। जबकि मुख्य आरोपी सत्यप्रकाश उर्फ सत्या को आईपीसी की धारा 450 में सात वर्ष, 363 में तीन वर्ष, 366 में पांच वर्ष तथा 376 (2) (एन) व पोक्सो एक्ट की धारा 5 (एल)/6 में 20 साल कारावास की सजा सुनाई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।