बिर्रा थाना क्षेत्र के ग्राम किकिरदा में साग सब्जी के लिए खोदे रिंग कुएं ने शुक्रवार को एक एक कर पांच लोगों की जिंदगी निगल ली। इस हृदय विदारक घटना ने न केवल दो परिवारों को मौत के आंसुओं से भिगो दिया बल्कि एक परिवार के पिता समेत दो पुत्रों का घर उजाड़ दिया।
पिता पुत्र की मौत के बाद अब उस घर में तीन-तीन लोगों के बाल बच्चों के सिर से पिता का साया छिन गया। शुक्रवार को एक ही मोहल्ले से पांच अर्थियां निकलने से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। दरअसल रामचंद्र जायसवाल ने अपने घर में रिंग कुएं का निर्माण किया था। ताकि इसके पानी से साग सब्जी लगा सके। लेकिन उसे क्या पता था कि यह कुआं आगे चलकर मौत का कुआं बन जाएगा। कुएं को रामचंद्र लकड़ी के बत्ते से ढंका था। यही लकड़ी का बत्ता पांच लोगों के मौत का जिम्मेदार बन गया। सुबह जब रामचंद्र सोकर उठा तो देखा कि कुएं का लकड़ी का बत्ता नहीं दिख। वह सोंचा कि क्यों लकड़ी कुएं में गिर गया है। उसे निकालने के लिए वह कुएं में उतर गया। लेकिन उसकी सांसे नीचे ही थम गई। अपने पिता को न देखकर पुत्र ने मोहल्ले में आवाज लगाई। उसकी आवाज सुनकर पड़ोस के रमेश पटेल उसके दो पुत्र जितेंद्र पटेल, राजेंद्र पटेल के अलावा टिकेश्वर चंद्रा एक एक कर कुएं में उतरे और पांचों की मौत हो गई।
अभी टिकेश्वर चंद्रा की तीन माह पहले शादी हुई थी। उसकी पत्नी के हाथ की मेंहदी अभी ठीक तरह से धुल भी नहीं पाई थी और शुक्रवार को ही उसकी पत्नी का जन्म दिन भी था। किन्तु होनी को कोई नहीं टाल सकता और इनकी खुशी कुछ पल मातम में बदल गई।
कुएं में एक एक कर पांच लोग समा गए। पांचों का शव जब कुएं से बाहर निकाला गया तो पांच परिवार और उनके रिश्तेदारों का काफिला उमड़ पड़ा। सभी के आंखों में आंशुओं के धार थमने के नाम नहीं ले रहे थे। गांव में एक साथ पांच लोगों की अर्थी गांव से निकली। सभी को एक साथ अग्नि दी गई तो ग्राम समेत आसपास में सन्नाटा पसर गया। सभी के आंखों से आंसुओं का दर्द छलक रहा था।
जितेंद्र पटेल के घर आज से ठीक छह दिन पहले उसके घर में नया मेहमान आया था। उसके घर में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसके बच्चे की अभी छ_ी कार्यक्रम भी नहीं हुआ था। लेकिन होनी ने उसके साथ कू्रर मजाक किया। उसके घर नए मेहमान आने के बाद उसके शिशु के सिर से पिता का साया छिन गया।
रामचंद्र जायसवाल को बचाने के फेर में एक पिता व दो बेटों की दुखद अंत हो गया। असली दुखों का पहाड़ पटेल परिवार में टूट पड़ा। दरअसल, रामचंद्र को बचाने के फेर में रमेश पटेल कुएं में उतरा। अपने पिता की आवाज नहीं सुनाई दी तो उसके दो बेटे राजेंद्र पटेल 25 व जितेंद्र पटेल 20 भी कुएं में उतर गए। आखिरकार एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई।