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आपकी बात : स्टार्टअप्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

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Aug 27, 2025

सोच बदलने की आवश्यकता
स्टार्टअप्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए हमें अपने समाज में महिलाओं के प्रति संकीर्ण मानसिकता को बदलने की जरूरत हैं। सरकार को भी महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक सहायता देकर साथ ही उनके आइडियाज को धरातल पर उतारने के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना चाहिए। - कृष्णकांत शर्मा, बदलेटा खुर्द

महिलाओं में जागरूकता जरूरी
महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की ओर से देशभर में अनेक योजनाएं/पहलें क्रियान्वित की जा रही हैं। महिलाओं को कौशल अवसर प्रदान करने वाली योजनाओं में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) और महिला कॉयर योजना (एमसीवाई) शामिल हैं, जो कॉयर विकास योजना का एक उप-घटक है। फिर भी कई महिलाओं को इन योजनाओं की जानकारी नहीं है। जब तक जागरूकता नहीं आएगी तब तक सपने नारी सशक्तीकरण का लक्ष्य पूरा नहीं होगा। - शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर

अर्थव्यवस्था को देंगी नई ऊर्जा
वर्तमान समय में महिलाओं की स्टार्टअप्स में भागीदारी बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी है कि उन्हें फंडिंग, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सरकारी योजनाओं तक आसान पहुंच मिले, क्योंकि आज का दौर टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन बिज़नेस का है। साथ ही, वर्क फ्रॉम होम और फ्लेक्सिबल वर्किंग मॉडल जैसे विकल्प महिलाओं को परिवार और करियर में संतुलन बनाने का अवसर देते हैं। सरकार व निजी क्षेत्र द्वारा महिला उद्यमियों के लिए विशेष इनक्यूबेशन सेंटर, प्रशिक्षण कार्यक्रम और सुरक्षा व समान अवसरों की गारंटी आज सबसे बड़ी आवश्यकता है। अगर इन पहलुओं पर जोर दिया जाए तो महिलाएं न केवल स्टार्टअप्स में बड़ी संख्या में जुड़ेंगी बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा देंगी। - हंसराज वर्मा बिलोचिया

Updated on:
27 Aug 2025 02:10 pm
Published on:
27 Aug 2025 02:03 pm
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