मुजफ्फरपुर की घटना पर मैंने जब कुछ सवाल खड़े किए तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दबाव देकर पोस्ट डिलीट कराना चाहा। इस पर मैंने भाजपा छोड़ दी और कांग्रेस में आ गया।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद असित नाथ तिवारी मंगलवार को कांग्रेस के मंच से बीजेपी पर जमकर बरसे। मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी में नौ वर्षीय दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म और उचित इलाज नहीं मिलने से मौत की घटना का जिक्र करते हुए तिवारी ने कहा कि जिस समाज में हमें जीना है और रहना है, उसके लिए संवेदना होनी चाहिए। लेकिन, यह संवेदना बीजेपी में नहीं है।
मुजफ्फरपुर की घटना पर मैंने जब अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ सवाल खड़े किए तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दबाव देकर पोस्ट डिलीट कराना चाहा। लेकिन हम इससे पीछे नहीं हटे। मैंने भाजपा छोड़ दी और सीधा सवाल किया कि मैं भावनाओं को मारकर राजनीति नहीं कर सकता हूं।
तिवारी ने कहा कि एक मां बाप के तौर पर सभी को अपना बच्चा प्यारा होता है, उस नौ वर्षीय दलित बच्ची के साथ जो हुआ, वह बर्दाश्त के बाहर है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय दावा करते हैं कि एशिया में सबसे ज्यादा बेड वाला हॉस्पिटल पीएमसीएच है। जब मैंने इस मामले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से संपर्क साधा और उनसे अनुरोध किया कि एक फोन कर देंगे तो उनका जवाब था-आप अब पत्रकार नहीं, भाजपा नेता हैं। हजारों लोग बिहार के अस्पतालों के बाहर ऐसे ही खड़े रहते हैं, छोड़िए ऐसे केस रोजाना आते हैं। तिवारी ने बताया कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने मेरे पोस्ट को डिलीट करा दिया।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के संघर्ष को देखने के बाद मैंने इनसे संपर्क किया और भाजपा के प्राथमिक सदस्यता और पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले राजेश ने कहा कि बिहार सरकार के भ्रष्ट, असंवेदनशील और निरंकुश तंत्र के कारण दलित बच्ची ने दम तोड़ दिया। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का नाम लेकर उन्होंने कहा कि क्या आपको केवल दलित का वोट चाहिए। आप सत्ता के लालच में उस दलित बेटी के लिए मदद तो छोड़िए संवेदना के एक शब्द नहीं बोल सके। बिहार में डबल इंजन की सरकार है, उसके आप सहयोगी हैं लेकिन फिर भी दलित बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और नृशंस कृत्य पर सरकार से न्याय नहीं मिल पा रहा है।
राजेश राम ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर तंज कसते हुए कहा कि आप तो खुद को दलित का नेता कहते हैं। लेकिन उनकी संवेदना, वेदना अब तक दुष्कर्म पीड़िता दलित बच्ची के लिए सामने नहीं आई। आप अन्याय के खिलाफ बोलने से क्यों कतरा रहे हैं?