ACB-EOW Raid: ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने बस्तर के तीन अफसरों के 15 ठिकानों पर एक साथ रविवार की सुबह छह बजे छापा मारा।
ACB-EOW Raid: ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने बस्तर के तीन अफसरों के 15 ठिकानों पर एक साथ रविवार की सुबह छह बजे छापा मारा। यह कार्रवाई सुकमा के डीएफओ अशोक पटेल, बीजापुर में पदस्थ आदिवासी विकास विभाग के उपायुक्त आनंद जी सिंह और सुकमा जिले के समग्र शिक्षा के डीएमसी श्याम सुंदर चौहान के साथ ही उनके रिश्तेदारों एवं करीबी लोगों के जगदलपुर, सुकमा, छिंदगढ़, रायगढ़, पुसौर रायगढ़, सांरगढ़, बीजापुर, गीदम, दंतेवाड़ा और कोंटा स्थित आवास पर की गई है।
तेंदुपत्ता बोनस घोटाले में हफ्तेभर पहले निलंबित हुए सुकमा के डीएफओ अशोक पटेल, आदिवासी विकास विभाग के उपायुक्त आनंद जी सिंह के बीजापुर और जगदलपुर के साथ ही सुकमा जिले के समग्र शिक्षा के डीएमसी श्याम सुंदर चौहान के छिंदगढ़ स्थित आवास पर छापा मारा गया है।
बताया जाता है कि तलाशी के दौरान उक्त तीनों अधिकारियों के यहां कैश, ज्वेलरी और प्राॅपर्टी के दस्तावेज मिले है। उक्त सभी के संबंध में पूछताछ कर दस्तावेजों की जांच की जा रही है। बता दें कि छापे की कार्रवाई के लिए स्पेशल 13 लोगों की टीम का गठन किया गया था। साथ ही रायपुर से शनिवार की देर रात सभी को रवाना किया गया। निलंबित डीएफओ अशोक पटेल को 6.50 करोड़ रुपए के तेंदुपत्ता घोटाले का आरोप हैं। उनके रायगढ़ स्थित कृष्ण वाटिका कॉलोनी और पुसौर नगर पंचायत स्थित पैतृक गांव झारमुडा वाले निवास पर तलाशी चल रही है।
डीएफओ अशोक पटेल कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अलावा बीजापुर में इंद्रावती टाइगर रिजर्व में बतौर डायरेक्टर पदस्थ रहे हैं। बस्तर में लंबे समय से अहम पदों पर पदस्थ रहे हैं। साल 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता बोनस राशि में गड़बड़ी का डीएफओ पटेल पर आरोप है। इस घोटाले में जिनकी मौत हो गई थी उन्हें भी बोनस देने का मामला सामने आया था। इसी तरह बीजापुर के उपायुक्त आनंद जी सिंह के बीजापुर स्थित सरकारी आवास पर पहुंची तो वहां ताला मिलने पर नोटिस चस्पा किया गया है।
उनके जगदलपुर स्थित वर्गीस कॉलोनी स्थित निवास, दंतेश्वरी वार्ड स्थित सुसराल में छापा मारा गया। बता दें कि आनंद जी सिंह बस्तर में सालों से पदस्थ हैं। लंबे समय से आदिवासी विकास विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थ रहे हैं। बीजापुर में रहते हुए उन पर निर्माण और सप्लाई के काम में कमीशन लेने के साथ ही हॉस्टलों में अधीक्षकों को पोस्टिंग देने के नाम पर उगाही करने संबधी एक ऑडियो भी वायरल हुआ था।
छिंदगढ़ के डीएमसी श्याम सुंदर चौहान पिछली सरकार के वक्त आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बेहद करीबी थे। लखमा के कई कामों में उनका सीधा दखल रहता था। इसके अलावा प्रशासन के कामों में भी उनकी खूब चलती थी। लखमा के जेल में रहने के बीच उनके यहां छापा पडऩे को शराब घोटाले की जांच से भी जोडक़र देखा जा रहा है। फिलहाल उक्त सभी लोगों के ठिकानों पर तलाशी चल रही है।