CG Diwali 2024: रायपुर शहर में इस बार धनतेरस और दिवाली से पहले खरीदारी के लिए गुरु पुष्य नक्षत्र में जमकर खरीदारी होने की उम्मीद बढ़ी है।
Pushya Nakshatra 2024: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में इस बार धनतेरस और दिवाली से पहले खरीदारी के लिए गुरु पुष्य नक्षत्र में जमकर खरीदारी होने की उम्मीद बढ़ी है। ज्योतिषियों की मानें तो ऐसा सर्वोत्तम संयोग बन रहा है, जो कभी-कभार ही बनता है। गुरु पुष्य नक्षत्र सुबह 11.28 बजे प्रारंभ होकर दूसरे दिन 25 अक्टूबर शुक्रवार को दोपहर 12 बजे के बाद तक रहेगा। यानी कि सूर्यो तिथि में होने से दिनभर खरीदारी के लिए श्रेष्ठ तो रहेगा। बल्कि अत्यंत स्थायित्व प्रदान करने वाला संयोग बन रहा है।
Pushya Nakshatra 2024: शंकराचार्य आश्रम के ज्योतिषाचार्य डॉ. इंदुभवानंद महाराज के अनुसार ऐसा संयोग बार-बार नहीं बनता है। जैसे कि सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग शुभता को चार चांद लगाते हैं। ऐसे संयोग और मुहूर्त में नई वस्तुएं, सोना-चांदी, हीरा जैसी बहुमूल्य चीजें या जमीन, मकान प्रापर्टी अत्यंत फलदायी मानी गई है। यानी कि शुभ मुहूर्त और संयोग में खरीदारी से लेकर कोई नया व्यापार-व्यवसाय प्रारंभ करना मंगलकारी होगा।
ज्योतिषाचार्य इंदुभवानंद महाराज का कहना है कि कार्तिक कृष्ण की द्वादशी-त्रयोदशी की युति में धनतेरस का संयोग बन रहा है। इस दिन सुबह 9.20 से 10.50 बजे तक चर योग है। उत्तम लाभ 10.50 से 12.20 तक। अमृत 12.20 से 1.50 बजे तक फिर लाभ का मुहूर्त 3.20 बजे से 4.50 तक है। रात में 8.30 से 9 के बीच में लाभ चौघड़िया है और 10.30 बजे से रात 12 बजे के बीच बहुत उत्तम शुभ और अमृत दोनों शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। यानी कि सुबह से लेकर देर रात तक खरीदारी के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
चर: सुबह 11.50 से 12.20 बजे तक उत्तम योग
-वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, बर्तन सामग्री
लाभ: 12:20 से 1:50 तक
-सोने-चांदी, हीरा-मोती की ज्वेलरी, वाहन, मकान, जमीन।
अमृत : दोपहर 1.50 बजे से 3.20 बजे तक उत्तम योग
लाभ : शाम 4.50 बजे से लेकर 6.20 तक
-जमीन, मकान की बुकिंग, जेवरात सहित सभी तरह की मूल्यावान चीजें।
नवमी तिथि में उदयकाल से पुष्य नक्षत्र होने से दिनभर मंगलकारी मुहूर्त बना रहा है। लाभ: 7.50 से 11.50 तक एवं अमित चौघड़िया में कारोबार के लिए सर्वोत्तम है। इस दिन घरों में नई वस्तुओं का आना स्थायी समृद्धिकारक होगी। दोपहर 12.20 पर पुष्य नक्षत्र समाप्त होगा, परंतु उदया तिथि की वजह से दिनभर की मान्यता शास्त्र सम्मत है।