CG Illegal Plotting: वजह यह है कि कृषि भूमि की रजिस्ट्री कराने के बाद उस पर आवासीय प्लॉटिंग करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
CG Illegal Plotting: बीते तीन साल में अवैध प्लॉटिंग की वजह से खेतिहर जमीन तेजी से कम हो रही है। राजधानी में कृषि भूमि के वास्तविक रकबे में से 43 हजार 219 एकड़ जमीन पर अब खेती होना बंद हो गई है। 2021-22 में 5321 हेक्टेयर जमीन कम हुई थी। 2022-23 से जिले में 7471 कृषि भूमि और 2023-24 में 4698 हेक्टेयर जमीन कम हो गई है। सिर्फ तीन साल की आंकड़े देखें तो कुल 17490 हेक्टेयर (43 हजार 219 एकड़) खेतिहर जमीन कम हो गई है।
इतनी ही जमीन के डायवर्सन के लिए जिले की चारों तहसीलों में आवेदन किए गए। यदि तहसीलों में लगाए गए आवेदनों पर नजर डालें तो तकरीबन 8 हजार हेक्टेयर जमीन इस वर्ष भी कम होना तय है। ये आंकड़े साफ बता रहे हैं कि जिले के किसान भू माफियाओं के झांसे में आकर खेती करना छोड़ अपनी जमीन अवैध प्लॉटिंग के लिए दे रहे हैं।
रायपुर जिले में 2021-22 में 2 लाख 49 हजार 545 हेक्टेयर जमीन थी, जो 2022-23 में कम होकर 2 लाख 44 हजार 244 हेक्टेयर रह गई थी। जो 2023-24 में 2 लाख 36 हजार 753 हेक्टेयर कृषि भूमि बची हुई है।
नगर निगमों को आने वाले वर्षों में रायपुर, बीरगांव नगर निगम को भू-माफियाओं द्वारा 100 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां मिल जाएंगी। वजह यह है कि कृषि भूमि की रजिस्ट्री कराने के बाद उस पर आवासीय प्लॉटिंग करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
कलेक्टर डॉ गौरव सिंह का कहना है कि अवैध प्लॉटिंग पर कार्रवाई के लिए चारों एसडीएम को कहा गया है। टीम बनाकर कार्रवाई की जा रही है। टीएनसीपी और नगर निगम को भी कार्रवाई के लिए कहा गया है।