रायपुर

CG News: एडवांस ट्रेनिंग सेंटर के लिए तरस रहा छत्तीसगढ़, प्रदेश में एक भी रीजनल मेडिकल एजुकेशन सेंटर नहीं

CG News: प्रदेश को एक रीजनल सेंटर फॉर मेडिकल एजुकेशन की जरूरत है। यहां एमबीबीएस व पीजी के छात्रों को सरल तरीके से कैसे पढ़ाया जाए, इसकी ट्रेनिंग होती है।

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Oct 24, 2025

CG News: छत्तीसगढ़ एक एडवांस ट्रेनिंग सेंटर के लिए तरस रहा है। प्रदेश के 15 मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी के लिए एक भी एडवांस ट्रेनिंग सेंटर नहीं होने से समय और खर्चा ज्यादा लगता है। डॉक्टरों को बेसिक के साथ एडवांस कोर्स के प्रशिक्षण के लिए कटक व चेन्नई जाना पड़ रहा है। ट्रेनिंग के लिए उन्हें छुट्टी लेकर जाना पड़ता है। इससे मरीजों का इलाज, बल्कि छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है।

प्रदेश को एक रीजनल सेंटर फॉर मेडिकल एजुकेशन की जरूरत है। यहां एमबीबीएस व पीजी के छात्रों को सरल तरीके से कैसे पढ़ाया जाए, इसकी ट्रेनिंग होती है। अभी ओडिशा के कटक में रीजनल सेंटर है। सड़क मार्ग से रायपुर से इसकी दूरी 543 किमी है। जबकि अंबिकापुर, राजनांदगांव व अन्य कॉलेजों से इसकी दूरी और ज्यादा है। नोडल सेंटर चेन्नई में है।

रायपुर से चेन्नई की दूरी 1192 किमी है। डॉक्टरों का कहना है कि रीजनल सेंटर के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन को आवेदन किया गया है। नेहरू मेडिकल कॉलेज में सारी सुविधाएं हैं, लेकिन एनएमसी क्यों मान्यता नहीं दे रही है, यह सोचने वाली बात है। जबकि कॉलेज को खुले 60 साल से ज्यादा हो गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी व दूसरी सुविधाओं को देखते हुए आने वाले दिनों में नेहरू मेडिकल कॉलेज में यह सेंटर खुल सकता है।

विषय काफी कठिन इसलिए ट्रेनिंग की जरूरत

डॉक्टरों का कहना है कि एमबीबीएस व पीजी में कई विषय काफी कांप्लीकेटेड होते हैं। उन्हें कैसे अपग्रेड के साथ पढ़ाएं, इसकी ट्रेनिंग टीचर को सेंटर में दी जाती है। उदाहरण के लिए हार्निया का केस काफी कांप्लीकेटेड होता है। हालांकि जनरल सर्जन के लिए यह ऑपरेशन क्रिटिकल नहीं होता, लेकिन छात्रों को बेहतर ज्ञान के लिए थ्रीडी एनीमेशन में पढ़ाने की जरूरत है।

इससे छात्र बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। केवल किताबी ज्ञान से इसे समझने में परेशानी होगी। बिना प्रेक्टिकल भी समझने में दिक्कत होती है। नोडल सेंटर चेन्नई में कैरीकुलम कैसे बनाया जाए, समेत कई जरूरी चीजों की ट्रेनिंग दी जाती है। टीचिंग के बेहतर तरीके क्या हो, कैसे-कैसे हों, इसका प्रशिक्षण दिया जाता है। यही नहीं ई असेसमेंट कैसे करें। एजुकेशनल लीडरशिप कैसे तैयार करें, ये भी पढ़ाया जाता है।

रीजनल सेंटर फॉर मेडिकल एजुकेशन के लिए प्रयास किया जा रहा है। सेंटर के लिए कॉलेज में जरूरी सुविधाएं जुटाई गई हैं। यहां सेंटर खुलने की पूरी संभावना है।

-डॉ. विवेक चौधरी, डीन, नेहरू मेडिकल कॉलेज

Published on:
24 Oct 2025 12:11 pm
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