PM Awas Yojana: 71 ऐसे हितग्राही पाए गए जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये से अधिक थी, इसके बावजूद उन्हें योजना का लाभ दिया गया। इसके अलावा 250 हितग्राहियों के नाम पर जमीन ही नहीं थी, फिर भी उन्हें योजना के तहत करीब 4.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया।
PM Awas Yojana: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। यह खुलासा विधानसभा में प्रस्तुत कैग रिपोर्ट के जरिए सामने आया है। मार्च 2023 तक की अवधि के लिए तैयार की गई इस रिपोर्ट में योजना के क्रियान्वयन में कई गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया है। रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और प्रेम नगर में नियमों के विरुद्ध आवासों का आवंटन किया गया।
71 ऐसे हितग्राही पाए गए जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये से अधिक थी, इसके बावजूद उन्हें योजना का लाभ दिया गया। इसके अलावा 250 हितग्राहियों के नाम पर जमीन ही नहीं थी, फिर भी उन्हें योजना के तहत करीब 4.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया।
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना और प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के बीच समन्वय की कमी रही। इसके चलते 99 हितग्राहियों ने दोनों योजनाओं का लाभ ले लिया। वहीं 35 ऐसे हितग्राही भी पाए गए जो पहले ही योजना का लाभ ले चुके थे, इसके बावजूद उन्हें दोबारा आवास स्वीकृत किया गया।
शहरी निकायों द्वारा समय पर मकान नहीं बनाए जाने के कारण करीब 230 करोड़ रुपये का फंड ब्लॉक हो गया। योजना के तहत अधिक से अधिक मकान महिलाओं के नाम पर स्वीकृत किए जाने का प्रावधान था, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार केवल 50 प्रतिशत आवास ही महिलाओं के नाम पर स्वीकृत किए गए।
इसके अलावा योजना की निगरानी में भी गंभीर गड़बड़ियां पाई गईं। रिपोर्ट में गलत जियो टैगिंग, और दूसरे मकानों की तस्वीरों का इस्तेमाल किए जाने जैसे मामलों का भी उल्लेख किया गया है। कैग रिपोर्ट के सामने आने के बाद राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।