Raipur News: रायपुर सेंट्रल जेल ने शानदार पहल की है। प्रशासन ने जेल के कैदियों के मनोरंजन के लिए ध्वनि तरंगों की ताल पर उमंग-तरंग रेडियो स्टेशन शुरू करने वालें हैं।
Radio Station: रायपुर पत्रिका@ राकेश टेंभुरकर। पुणे की यरवदा जेल की तर्ज पर रायपुर सेंट्रल जेल में जल्द ही ध्वनि तरंगों की ताल पर उमंग-तरंग रेडियो स्टेशन शुरू किया जाएगा। यह रेडियो स्टेशन सिर्फ जेल परिसर में ही सुनाई देगा। इस रेडियो स्टेशन से हिंदी, छत्तीसगढ़ी गीतों के साथ शिक्षाप्रद कहानियां और समाचारों का प्रसारण किया जाएगा। इसके लिए कैदियों का चयन किया जा रहा है।
रेडियो स्टेशन शुरू करने का मकसद कैदियों के तनाव को दूर करना और उनके भीतर अच्छाई पैदा करना है। बता दें कि जगदलपुर सेंट्रल जेल में कम्युनिटी रेडियो का संचालन किया जा रहा है। इसकी शुरूआत 9 अगस्त 2021 को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शुरू किया गया है।
जेल के भीतर उमंग-तरंग के नाम से शुरू किए जाने वाले वाले रेडियो स्टेशन के लिए कैदियों को माइक, स्पीकर, केबल और समाचार पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। सुबह करीब 10 बजे से दोपहर 2 बजे और शाम को 4 से 8 बजे तक संचालन करने की योजना बनाई गई है। सेटअप तय होने के बाद टाइमिंग को तय किया जाएगा। रेडियो की शुरूआत सुबह सबसे पहले मशहूर फिल्म दो आंखें बारह हाथ के गीत, ‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम’ से शुरुआत होगी। इसके बाद देश-दुनिया में होने वाले प्रमुख समाचारों का वाचन और अन्य प्रोग्राम का आयोजन होगा।
जेल में शुरू करने वाले रेडियो स्टेशन को तार के जरिए सभी बैरकों को जोडा़ जाएगा। इस साउंड कुछ इस तरह सेट किया जाएगा कि इसे जेल के भीतर ही सुना जा सकें। हालांकि जेल की दीवार के पास भी इसे बिना किसी इंस्ट्रूमेंट के सुना जा सकेगा। जेल प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि रेडियो में प्रसातिर किए जाने वाले कार्यक्रमों पर विभाग की नजर रहेगी। ताकि आपत्तिजनक गीत, भाषा और तनाव उत्पन्न करने वाले कार्यक्रमों पर रोक रहेगी।
कैदियों की पसंद का ध्यान रखते हुए कार्यक्रम का प्रसारण किया जाएगा। विभिन्न त्योहारों एवं आयोजनों के दौरान इसमें बदलाव किया जाएगा। कैदी अपने मनपसंद गीतो का आनंद भी ले सकेंगे। इसके लिए प्रशिक्षित और योग्य कैदियों की टीम भी बनाई जाएगी। वह अपने मुताबिक कार्यक्रमों को तैयार कर सकेंगे।
रायपुर सेंट्रल जेल में पहली बार कैदियों के लिए उमंग-तरंग नाम से रेडियो स्टेशन शुरू किया जा रहा है। इसका संचालन कैदियों द्वारा केवल कैदियों को शिक्षा और मनोंरंजन के लिए के लिए किया जाएगा। - अमित शांडिल्य, रायपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक