Raipur News: बांड जारी करने संबंधित सभी देनदारियों की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। इस तरह नगर निगम सेबी के नियमों का पालन करते हुए यह बांड बेच सकेगा।
Raipur News: नगर निगम को 100 करोड़ का म्युनिसिपल बांड जारी करने की अनुमति राज्य शासन से मिल गई है। नगरीय प्रशासन विभाग ने यह अनुमति चार शर्तो ं के आधार पर है। नगरीय प्रशासन के अवर सचिव आनंद कुमार पटेलनगर निगम और कंपनियों के बीच होने वाली लेन-देन की गारंटी राज्य शासन की नहीं होगी। बांड जारी करने संबंधित सभी देनदारियों की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। इस तरह नगर निगम सेबी के नियमों का पालन करते हुए यह बांड बेच सकेगा।
केंद्रीय शहरी मंत्रालय का यह प्लान तीन साल पहले सामने आया था। उसी आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई। इसके तहत 200 करोड़ का बांड बेचने का प्लान था, लेकिन अभी केवल 100 करोड़ की ही अनुमति निगम को मिली है। इसके बाद प्राजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर राज्य शासन के पास नगर निगम प्रस्ताव भेज सकेगा। केंद्रीय शहरी मंत्रालय का प्लान है कि नगरीय निकायों की आर्थिक निर्भरता राज्य सरकार पर कम होगा और निगम आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के प्लान पर आगे बढ़ें।
इसी के तहत तीन साल पहले म्युनिसिपल बांड जारी करने की प्रक्रिया के संबंध में रायपुर नगर निगम में यह प्रस्ताव सामने आया था। निगम के आय-व्यय की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर अब 100 करोड़ के बांड बेचने की मंजूरी राज्य शासन से मिली है। बांड जारी करने की प्रक्रिया में नगर निगम को हर तीन माह में सेबी के ऑडिट नियमों और शर्तो ं का पालन करना होगा। उसी नियम के तहत 8.5 प्रतिशत तक ब्याज दर तय होगी।
अमृत योजना के तहत केंद्रीय शहरी मंत्रालय 100 करोड़ का बांड जारी करने पर नगर निगम को प्रोत्साहन के रूप में 13 करोड़ देगा। इस तरह नगर निगम को केवल 87 करोड़ रिफंड करना पड़ेगा। जबकि 200 करोड़ बांड बेचने पर यह राशि 26 करोड़ देने का प्रावधान है।
रायपुर नगर निगम बांड जारी करने वाली छत्तीसगढ़ का पहला निकाय होगा। जबकि देश में 12वां होगा। क्योंकि रायपुर को अनुमति मिलने से पहले इंदौर, राजकोट, अहमदाबाद, पुणे, पिपरी-चिंचवाड, लखनऊ, हैराबाद जैसे नगर निगम जारी कर चुके हैं।
नगर निगम के अनुसार बांड बेचने से मिलने वाली राशि से निगम आय बढ़ाने के स्रोत वाले प्रोजेक्ट तैयार करेगा। यह सिर्फ इंस्टीट्यूशनल बांड है, जिसे केवल पैसा लगाने वाली कंपनियों को ही जारी करना है। आम लोगों के लिए यह बांड नहीं है, जिसमें कि लोग उससे बनने वाले प्रोजेक्ट से होने वाली आय से ही संबंधित कंपनियों को रिफंड करने का भरोसा निगम दिलाएगा।
प्लान के मुताबिक पहला प्रोजेक्ट शंकरनगर के क्रिस्टल आर्केट के पास कमर्शियल कांप्लेक्स का निर्माण कराना है। इसके लिए पहले दौर पर हुड़को के साथ निगम प्रशासन की बीच बातचीत भी हुई है। दूसरा प्लान निगम ने डूमतराई में इलेक्ट्रिकल मार्केट बनाने के लिए भेजा था, लेकिन क्रिस्टल आर्केट प्रोजेक्ट के आधार पर मंजूरी मिली है।