CG News: रायपुर मुख्यमंत्री निवास में लगभग सालभर बाद शुरू हुए जनदर्शन में लोगों की भीड़ उमड़ी। विभागीय लापरवाही का खामियाजा आम और खास लोगों को किस तरह भुगतना पड़ता है।
CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर मुख्यमंत्री निवास में लगभग सालभर बाद शुरू हुए जनदर्शन में लोगों की भीड़ उमड़ी। विभागीय लापरवाही का खामियाजा आम और खास लोगों को किस तरह भुगतना पड़ता है, इसका जीता-जागता उदाहरण लोगों के आवेदनों में देखने को मिला।
मैडल लेकर पहुंचे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी से लेकर छात्र, गांवों में काम करने वाली महिला सखी व अन्य लोगों ने अपनी परेशानियां बताईं। गुरुवार को सीएम हाउस में जनदर्शन के लिए फरियाद ऐसी थी कि समय खत्म होने की वजह से कई लोगों को मुख्यमंत्री से मिलने का मौका नहीं मिल पाया। सीएम हाउस के बाहर ही कर्मचारियों ने आवेदन रखा।
कृषि छात्र अपनी तकलीफ लेकर सीएम हाउस पहुंचे। यहां छात्रों ने कहा कि कृषि शिक्षक भर्ती में बीएड की अनिवार्यता रखी गई है, जबकि कृषि छात्रों के अध्ययन में बीएड में नहीं है। पढ़ाई खत्म होने के बाद भर्ती में बीएड की अनिवार्यता से छात्रों का भविष्य संकट में हैं। यह नियम अचानक प्रस्तुत किया गया है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत एनआरएलएम बिहान की महिलाओं ने अपना दर्द बयां किया। सीएम हाउस में दिए गए ज्ञापन में उन्होंने कहा कि लोकोस, कृषि सखी, पशु सखी, लखपति दीदी सहित कार्य करने के एवज में महीने में 1910 का मानदेय मिलता है। ऑनलाइन कार्य की वजह से 350 रुपए का मोबाइल रिचार्ज कराना पड़ता है। महीने में 2000 से कम मानदेय श्रम कानूनों की श्रेणी में भी नहीं है।