गोमती-ब्यावर हाईवे निर्माण की मंद चाल, गड्ढ़े बेशुमार तो कहीं धूल का गुबार निर्माण कार्य पिछले साल अक्टूबर 2023 में होना था पूरा, अब 7-8 माह और लगने की उम्मीद हादसे की बनी रहती आंशका, काटी जा रही पहाडिय़ा, 80 प्रतिशत काम पूरा होने का दावा
राजसमंद. ब्यावर से गोमती तक फोरलेन हाईवे के निर्माण की धीमी चाल ने वाहन चालकों की परेशानी बढ़ा दी है। यह कार्य अक्टूबर 2023 तक पूरा होना था, लेकिन अभी इस काम में और 7-8 माह लगने की उम्मीद है। सर्वाधिक काम भीम से बागाना और भीम से ब्यावार के बीच है। हालांकि निर्माण एजेंसी का दावा है कि अब 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है, सिर्फ 20 प्रतिशत ही काम शेष रहा है। ब्यावर-गोमती राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 का काम कई साल से अटका हुआ था। शेष काम को पूरा करने के लिए 2021 में केन्द्रीय सडक़ परिवर्तन मंत्रालय ने निर्माण कार्य की स्वीकृति जारी की। सार्वजनिक निर्माण विभाग (एनएच) को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके तहत तीन एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई है। एक एजेंसी 50.36 किलोमीटर, दूसरी 50.28 और तीसरी एजेंसी 14.42 किलोमीटर टू लेन सडक़ को फोरलेन करने का काम करेगी। इसके तहत निर्माण कार्य को अक्टूबर 2023 तक पूरा किया जाना था, लेकिन काम की धीमी गति, जमीन अधिग्रहण के मुआवजा और पहाडिय़ों को काटने में लगने वाले समय के कारण यह काम आज भी अधूरा है। उक्त कार्य को अभी भी पूरा होने में सात-आठ माह से अधिक लगने की बात कही जा रही है। उल्लेखनीय है कि उक्त निर्माण कार्य के पूरा होने पर लोगों समय और धन की भी बचत होगी।
निर्माण एजेंसी के ठेकेदारों की ओर से हाईवे पर जगह-जगह गहरे गड्ढ़े एवं पहाडिय़ों को काटने से धूल मिट्टी के गुबार से दोपहिया वाहन चालकों के हादसे की आशंका बनी रहती है। सडक़ के दोनों तरफ निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है। रोड पर कंकरीट आदि बिखरी पड़ी है। ठेकेदारों द्वारा आधे अधूरे निर्माण कार्य से जगह-जगह सडक़ खोद रखी है और मनचाहे तरीके से काम शुरू करते हैं और बंद कर देते हैं।
ब्यावर से गोमती तक दोनों तरफ डामरीकरण कार्य कई जगह आधा-अधूरा पड़ा है, जिससे यातायात व्यवस्था गड़बड़ा रही है और आए दिन सडक़ हादसे होते रहते हैं। कस्बे के पाटीया का चौड़ा से बलाईओं का कुआं तक व्यस्ततम चौराहे पर हाईवे के हालात बेहद खराब है। पैदल आवाजाही मुश्किल हो गई है। हाईवे किनारे जल निकासी के नाले अवरुद्ध होने से पानी सडक़ पर फैलता रहता है। बग्गड़ व बागलिया दोनों टोल नाकों पर वाहनों से टोल वसूली करने के बावजूद भी व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं है।
जानकारों के अनुसार आंवला सारा धोलभाटा के निकट बहुत बड़ी पहाड़ी है। उसे पिछले डेढ़ साल से काटा ज रहा है। इसी प्रकार ब्यावर से गोमती के बीच चार बड़ी पहाडिय़ां हैं। इसमें छापली, दीवेर, बल्ली और धोलभाटा की पहाडिय़ों को काटा जा रहा है। इससे से कुछ जगह काम पूरा हो गया है। भीम कस्बे में तीन फ्लाई ओवर बनाए जाने प्रस्तावित है।
ब्यावर से गोमती हाईवे निर्माण कार्य के दौरान ब्यावर से भीम तक 50 किलोमीटर के सडक़ निर्माण कार्य में 40 किलोमीटर कार्य पूर्ण हो गया है, शेष निर्माण कार्य में टोगी की पहाडिय़ों के आसपास स्थित आबादी में भूमि आबादी के मुआवजे का भुगतान प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरा कर दिया जाएगा। भीम कस्बे में तीन फ्लाईओवर बनना प्रस्तावित है, लेकिन कुछ ग्रामीणों ने न्यायालय में वाद दर्ज करने से कार्य में गति धीमी हुई है। अब पक्षकारों से समझौता हो गया है। अगले एक सप्ताह के दौरान कार्य पूर्ण रूप से सुचारु किया जाएगा। काम को पूरा होने में सात-आठ माह का समय और लगेगा।