राजस्थान के इस जिले में पशुपालकों के बच्चों के लिए आवासीय स्कूल खोला जाएगा। जहां पर पर रहना, खाना, पढ़ाई और ड्रेस तक नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए भाणा में जमीन तलाशी जा रही है।
राजसमंद. जिले के निष्क्रमणीय पशुपालकों के बच्चों के लिए अच्छी खबर है। सरकार की ओर से अब उनके बालकों के लिए जिला मुख्यालय पर आवासीय विद्यालय खोला जाएगा। इसके लिए करीब 20 बीघा जमीन की आवश्यकता होगी। इससे पशुपालकों के बच्चे लाभान्वित होंगे और शिक्षा का प्रचार-प्रसार होगा। राज्य सरकार की ओर से बजट में निष्क्रमणीय पशुपालकों के बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय खोलने की घोषणा की थी। निष्क्रमण के कारण पशुपालक अपने पशुओं को चराने के लिए जगह-जगह घूमते रहते हैं, इसके कारण उनके बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं अथवा पढ़ाई बीच में ही छोडऩी पड़ती थी। ऐसे में आवासीय विद्यालय में इनके बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। वहां पर नि:शुल्क शिक्षा, आवास, भोजन, पोषाक, पाठ्य पुस्तक और चिकित्सा जैसी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे पशुपालक बच्चों की चिंता से मुक्त होकर अपनी पशुओं का लालन-पालन भी अच्छी तरह से कर पाएंगे। उल्लेखनीय है कि बारिश के दौरान भेड़-बकरी पालन करने वाले पशुपालक चारे-पानी की तलाश में अपने पशुओं को कई जिलों में लेकर जाते हैं। इस दौरान उनके परिवार के बच्चे भी उनके साथ ही रहते हैं। उक्त विद्यालय में कक्षा 6 से 12 तक संचालित होगी। इसकी क्षमता 280 बालकों की होगी।
आवासीय विद्यालय बनाने के लिए चार हेक्टेयर भूमि करीब 20 बीघा जमीन की आवश्यकता है। इसके लिए भाणा क्षेत्र में जमीन उपलब्ध और उपयुक्त बताई जा रही है। विभाग की ओर से अन्य स्थानों पर भी जमीन देखी गई है। इसमें सबसे उपयुक्त जगह भाणा को माना जा रहा है। जिला मुख्यालय से दूरी भी ज्यादा नहीं है।
उक्त आवासीय विद्यालय के लिए राइका, रेबारी, गाडऱ़ी ओर देवासी जाति के परिवारों को प्राथमिकता मिलेगी। इसमें भी बच्चे के प्रवेश के लिए निष्क्रमणीय पशुपालक का प्रमाण पत्र और 100 भेड़-बकरी होना मुख्य शर्त होगी। इसके अलावा राजस्थान का मूल निवासी होना भी आवश्यक होगा।
निष्क्रमणीय पशुपालकों के बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय खोला जाएगा। इसके लिए 4 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। जिला प्रशासन के निर्देश पर कई जगह जमीन देखी गई है। जमीन आवंटन की प्रक्रिया जारी है।